कुढ़नी की चकिया पंचायत की बाढ़ राहत सूची में फर्जीवाड़ा, 30 पर प्राथमिकी

कुढ़नी की चकिया पंचायत की बाढ़ राहत सूची में फर्जी तरीके से ढाई दर्जन लोगों ने अपना नाम जुड़वा लिया और उनके बैंक खाते में छह-छह हजार की बाढ़ राशि भी भेज दी गई। मामले का पर्दाफाश तब हुआ जब मुखिया अमिताभ कुमार विक्रम ने इसकी शिकायत सीओ से कर जाच की मांग की।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Sep 2020 02:10 AM (IST) Updated:Mon, 21 Sep 2020 02:10 AM (IST)
कुढ़नी की चकिया पंचायत की बाढ़ राहत सूची में फर्जीवाड़ा, 30 पर प्राथमिकी
कुढ़नी की चकिया पंचायत की बाढ़ राहत सूची में फर्जीवाड़ा, 30 पर प्राथमिकी

मुजफ्फरपुर। कुढ़नी की चकिया पंचायत की बाढ़ राहत सूची में फर्जी तरीके से ढाई दर्जन लोगों ने अपना नाम जुड़वा लिया और उनके बैंक खाते में छह-छह हजार की बाढ़ राशि भी भेज दी गई। मामले का पर्दाफाश तब हुआ जब मुखिया अमिताभ कुमार विक्रम ने इसकी शिकायत सीओ से कर जाच की मांग की। मामला पंचायत के वार्ड संख्या- 8 का है। सीओ रंभू ठाकुर ने हल्का कर्मचारी व सीआइ से जाच कराई। इसमें गोरिहारी गाव के 30 लोगों को फर्जी भुगतान का मामला सामने आया। सीओ ने तुर्की ओपी में 30 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कराई है। इसमें उज्ज्वल कुमार, सुजीत कुमार, राहुल, रवि, नेहा, रीता चौधरी, रिताम्भर चौधरी, मनीष कुमार, रितुराज रंजन, अनीता देवी, शिवेंद्र सिंह, जूही कुमारी आदि हैं। बताया गया कि अनुश्रवण समिति ने इन नामजदों का नाम सूची में शामिल नहीं किया था। इसके बाद भी इनके नाम की इंट्री हो गई। ऐसे में सवाल उठता है कि किस स्तर पर धाधली की गई। डाटा ऑपरेटर यदि दोषी है तो उस पर अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई? एक पंचायत के एक वार्ड में इस तरह का मामला सामने आया है। कुढ़नी प्रखंड में 544 वार्ड व 39 पंचायते हैं। तुर्की ओपी प्रभारी ललित कुमार ने बताया कि सीओ की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है।

बंदरा के पटसारा में बाढ़ राहत राशि वितरण में अनियमितता, जाच की माग : पटसारा पंचायत में बाढ़ राहत राशि वितरण में धाधली का मामला सामने आया है। सीओ को शत्रुघ्न सहनी के नेतृत्व में ग्रामीणों ने आवेदन देकर कार्रवाई की माग की है। इसमें कहा गया है कि पंचायत के वार्ड संख्या 10 व 11 में आरटीपीएस के डाटाइंट्री ऑपरेटर, वार्ड सदस्य व अन्य लोगों की मिलीभगत से दूसरे प्रखंड एवं पंचायत के लोगों के नाम पर छह हजार की राशि का बंदरबाट किया गया है। असली पीड़ित राशि से वंचित हैं। चिह्नित लाभुकों की सूची के साथ शिकायत कर आवश्यक कार्रवाई की मांग की है।

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