पश्चिम चंपारण में ट्रैफिक नियमोंं का पालन करवाने में व्यवस्था फेल, हादसों में जा रही जानें

पश्चिम चंपारण जिले में प्रत्येक सप्ताह औसतन सड़क हादसे में तीन लोगों की मौत होती है जबकि कई लोग घायल होते हैं। सड़क हादसों के कारण कई परिवार तबाह हो चुके हैं। इन हादसों की वजह यातायात नियमों की अनदेखी है।

By Vinay PankajEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 03:33 PM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 03:33 PM (IST)
पश्चिम चंपारण में ट्रैफिक नियमोंं का पालन करवाने में व्यवस्था फेल, हादसों में जा रही जानें
पश्चिम चंपारण के विभिन्न इलाकों में प्रतिदिन सड़क हादसे की घटना होती है

पश्चिम चंपारण, जेएनएन। सड़क हादसों में आए दिन लोगों की जानें जा रही है। जिले के विभिन्न इलाकों में प्रतिदिन सड़क हादसे की कोई न कोई घटना जरूर होती है। औसतन जिले में प्रत्येक सप्ताह सड़क हादसे में तीन लोगों की मौत होती है। जबकि कई लोग घायल होते हैं। सड़क हादसे के कारण कई परिवार तबाह हो चुके हैं। इन हादसों की वजह यातायात नियमों की अनदेखी है।

हादसे रोकने में प्रशासनिक उदासीनता, सड़कों पर वाहनों का बोझ हादसे की प्रमुख कारण है। हादसे रोकने के लिए प्रशासनिक स्तर पर व्यवस्था नाकाफी है। हादसे में घायल लोग कभी महीने तो कभी वर्षों अस्पताल में पड़े रहते हैं। उनके इलाज कराने में कई परिवार कंगाल हो चुके हैं।

बेतिया के संजय कुमार का कहना है कि प्रशासन की ओर से ट्रैफिक नियमों का कड़ाई के साथ पालन नहीं कराया जाता। यहां ट्रैफिक नियमों का मतलब वाहन जांच से है। वाहन जांच के दौरान वाहन के कागजात, इंश्योरेंस आदि की जांच कर जुर्माना की वसूली की जाती है। सड़क पर वाहनों को किस तरह से चलाना है, इसको लेकर कभी कोई जांच नहीं होती। इसी वजह से अधिकांश वाहन फर्राटे भरते सड़क पर निकलते हैं। ट्रक चालकों की मनमानी तो देखते बनती है। अभी चीनी मिलों में गन्ना पेराई का सीजन आरंभ हो गया है। ट्रैक्टर चालकों की मनमानी से लोग अभी से आहत होने लगे हैं। लेकिन प्रशासन बेफिक्र है। सक्षम अधिकारियों को इससे कोई मतलब हीं नहीं है।

यातायात नियमों की अनदेखी हादसे का बड़ा कारण

जिले में यातायात नियमों की अनदेखी हादसे का बड़ा कारण है। सड़क हादसों से बचाव व लोगों को जागरूक करने के लिए प्रशासन की ओर से कारगर कदम नहीं उठाया जाता है। सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान भी जागरूकता का सिर्फ कोरम पूरा किया जाता है। जिले में नाबालिग भी फर्राटे से वाहन चलाते हैं। नाबालिगों पर लगाम के लिए भी कार्रवाई सिफर है। नाबालिगों के वाहन चलाने के कारण भी अक्सर हादसे होते रहते हैं।

परिवार के परिवार हो चुके हैं कंगाल

सड़क हादसे में कई परिवार कंगाल हो चुके हैं। कुछ माह पूर्व चनपटिया प्रखंड के राम किशोर महतो का पूरा परिवार सड़क हादसे के कारण ही तबाह हो चुका है। रामकिशोर ने बताया कि उसके दो बच्चे अभी भी पटना के अस्पताल में भर्ती है। जमीन बेचकर उनकी इलाज करा रहा है। जबकि बेटी की मौत सड़क हादसे में हो गई है।

इस संबंध में डीटीओ राजेश कुमार ङ्क्षसह का कहना है कि सड़क हादसे को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाता है। यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई हो रही है। लोगों से अपील की जाती हैं कि नाबालिगों को वाहन नहीं दें। यातायात नियमों का पालन करें।

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