मुजफ्फरपुर के प्राथमिक व मध्य विद्यालयों को आंगनबाड़ी केंद्रों से टैग करने की कवायद
डीपीओ अमरेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में तीन से छह साल उम्र के बच्चे पढ़ते हैं। छह साल से अधिक उम्र होने के बाद उसे आंगनबाड़ी केंद्र से निकालकर प्राइमरी स्कूल में नामांकन कराया जाएगा। प्राइमरी से उतीर्ण होने के बाद मध्य विद्यालय में नामांकन कराया जाएगा।
मुजफ्फरपुर, जासं। जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को नजदीक के प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों से टैग किया जाएगा। शुक्रवार से इसकी कवायद शुरू हो गई। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार पांडेय ने जिले के सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, विद्यालय अवर निरीक्षक नगर को पत्र भेजकर अवगत करा दिया है। उन्होंने सभी आंगनबाड़ी केंद्रों की सूची जल्द उपलब्ध कराने को कहा है। इधर पत्र मिलने के साथ ही इस दिशा में शिक्षा अधिकारियों ने काम करना शुरू कर दिया है। विभाग से आंगनबाड़ी केंद्रों की सूची मांगी गई है।
राज्य परियोजना निदेशक ने पिछले महीने ही यह आदेश जारी कर दिया था।
डीपीओ अमरेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि, आंगनबाड़ी केन्द्रों में तीन से छह साल उम्र के बच्चे पढ़ते हैं। छह साल से अधिक उम्र होने के बाद उसे आंगनबाड़ी केंद्र से निकालकर प्राइमरी स्कूल में नामांकन कराया जाएगा। फिर प्राइमरी स्कूल से उतीर्ण होने के बाद मध्य विद्यालय में उन बच्चों का नामांकन करा दिया जाएगा। आंगनबाड़ी केंद्रों से बच्चे सीधे प्राइमरी स्कूल तक पहुंचे इसकी जिम्मेवारी हेडमास्टरों को भी दी गई है। आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ने वाले बच्चों की सूची बनाकर नजदीक के प्राइमरी स्कूल के हेडमास्टर हो तो वे रखेंगे या प्रभारी हेडमास्टर होंगे ताे वे अपने पास रजिस्टर में सुरक्षित रखेंगे।बता दें कि, जिले में करीब 3018 प्राथमिक विद्यालय और मध्य विद्यालय है।
स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड व अन्य योजनाओं को लेकर डीआरसीसी की ओर से काउंसिलिंग
मुजफ्फरपुर : स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड व अन्य योजनाओं की जानकारी देने के लिए शुक्रवार को जगन्नाथ मिश्रा व राजनारायण सिंह कालेज में विद्यार्थियों की काउंसलिंग की गई। यह काउंसिलिंग जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र (डीआरसीसी) की ओर से आयोजित की गई। डीआरसीसी के प्रबंधक मनोज कुमार प्रधान ने बताया कि काउंसिलिंग में विद्यार्थियों को स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड व अन्य योजनाओं की जानकारी दी गई। उन्हें बताया कि इन योजनाओं का वे किस तरह लाभ ले सकते हैं। इससे उनकी उच्च शिक्षा में धन की समस्या का किस तरह निदान हो जाएगा। उन्हें सभी नियमों की जानकारी दी गई।