मोतिहारी में ढ़ाका प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता व डाटा ऑपरेटर 80 हजार रुपये रिश्वत लेते पकड़े गए

Motihari पूर्वी चंपारण के आरईओ में ढ़ाका प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता डाटा ऑपरेटर के साथ 80 हजार रिश्वत के धराए निगरानी विभाग ने कार्यालय में छापेमारी कर दोनों को किया गिरफ्तार अब इस मामले मेें होगी कार्रवाई ।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 11:39 AM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 11:39 AM (IST)
मोतिहारी में ढ़ाका प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता व डाटा ऑपरेटर 80 हजार रुपये रिश्वत लेते पकड़े गए
मोतिहारी। निगरानी की गिरफ्त में आरडब्ल्यूडी के कार्यपालक अभियंता व डाटा आपरेटर (लाल घेरे में)। जागरण

पूर्वी चंपारण , जासं। शहर के छतौनी थाना क्षेत्र अंतर्गत बरियारपुर से मंगलवार की सुबह निगरानी विभाग की टीम ने ग्रामीण कार्य विभाग (आरडब्लूडी) ढाका प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता रामचन्द्र पासवान व डाटा इंट्री आपरेटर शशि कुमार को रिश्वत के रुप में 80 हजार नकदी लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। वहीं अभियंता के घर से 11 लाख 800 नकदी भी बरामद किया गया है, जिसे निगरानी की टीम ने जब्त कर लिया है। कार्यपालक अभियंता व डाटा ऑपरेटर को निगरानी टीम अपने साथ मुजफ्फरपुर ले गई है। छापेमारी टीम में शामिल डीएसपी सुरेन्द्र कुमार महुआर व अरुणोदय पांडेय ने बताया है कि संवेदक बब्लू ङ्क्षसह से अनुरंक्षण कार्य में एमआर के लिए रिश्वत के रूप में एक लाख 45 हजार की मांग की जा रही थी। इस आलोक में 80 हजार नकदी लेते रंगेहाथ उन्हें पकड़ा गया। बबलू ङ्क्षसह की शिकायत पर पहुंची निगरानी की टीम ने पहले सत्यापन किया। प्रथम²ष्टया मामला सत्य पाये जाने पर अपना जाल बिछा दिया और दोनों को रिश्वत का रुपये लेते पकड़ लिया गया। इसके बाद निगरानी ने उनके घर की भी तलाशी ली। इस दौरान उनके कमरे से भी 11 लाख 800 नकदी जब्त की गई। छापेमारी टीम में दोनों डीएसपी के अलावा निगरानी के निरीक्षक सुशील कुमार यादव, ईश्वर प्रसाद, जहांगीर आलम, दारोगा ऋषिकेश ङ्क्षसह, राजीव तिवारी समेत सदस्यीय टीम शामिल थीं।

तालिमपुर के पंचायत सचिव पर एसडीओ ने दिया गबन मामले में प्राथमिकी का आदेश

प्रखंड क्षेत्र की तालिमपुर पंचायत में सड़क निर्माण की राशि गबन मामले में पकड़ीदयाल एसडीओ कुमार रवीन्द्र ने मुखिया विशु साह के आवेदन के आलोक में तत्कालीन पंचायत सचिव चक्रधारी राम के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश बीडीओ को दिया है। गबन का यह मामला वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2018-19 का है। कागज पर पीसीसी निर्माण दिखाकर करीब 19 लाख रुपये का वारा न्यारा किया गया है। इस फर्जीवाडा को लेकर पंचायत के ही सेवानिवृत बीसीओ रमाशंकर राम ने प्रखंड से लेकर पकड़ीदयाल अनुमंडलीय लोक शिकायत प्राधिकार में शिकायत दर्ज कराई थी। प्राधिकार के आदेश के आलोक में कई बार जांच अधिकारी द्वारा कार्यस्थल पर जाकर भौतिक सत्यापन किया गया। जांच अधिकारी के समक्ष मुखिया विशु साह, तत्कालीन पंचायत सचिव चक्रधारी राम सड़क निर्माण का दावा करते रहे। इधर, अचानक इस गबन मामले में नया मोड़ सामने आया। मुखिया श्री साह ने डाक द्वारा प्रखंड से लेकर अनुमंडल व जिलाधिकारी को पत्र प्रेषित कर अपने को इस मामले में निर्दोष बता गबन में संलिप्तता से इंकार करते पंचायत सचिव पर आरोप लगाया कि सादा चेक पर उससे पंचायत सचिव हस्ताक्षर करा बगैर सड़क बनाये राशि गबन कर लिया गया। यहां सवाल उठना लाजमी हो जाता है कि जब सादा चेक पर सचिव ने हस्ताक्षर करा राशि की निकासी की तब इसके बाद मुखिया द्वारा क्यों नहीं कोई कार्रवाई की गई। इधर, बीडीओ कुमारी सविता सिन्हा ने बताया कि मुखिया विशु द्वारा शिकायत की गई पंचायत की आठ योजनाओं की जांच हेतु डीपीआरओ और तकनीकी सहायक को पत्र लिखा गया है। जांच रिपोर्ट आने पर कार्रवाई की जाएगी।

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