मुजफ्रफरपुर आई हास्पिटल की घटना के बाद अंधापन निवारण कार्यक्रम पर उठा सवाल

ब्रह्मपुरा पुलिस कांड दर्ज कर बरत रही शिथिलता। वरीय अधिकारियों का नहीं मिल रहा कोई निर्देश। पुलिस अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची। अब तक साक्ष्य संकलन में ही जुटी है शहर की पुलिस। स्वास्थ्य विभाग ने पुलिस को जांच रिपोर्ट से अवगत कराया।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 09:50 AM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 09:50 AM (IST)
मुजफ्रफरपुर आई हास्पिटल की घटना के बाद अंधापन निवारण कार्यक्रम पर उठा सवाल
नगर डीएसपी रामनरेश पासवान ने बताया कि सभी ब‍िंदुओं पर पुलिस जांच कर रही है।

मुजफ्फरपुर, जासं। मुजफ्फरपुर आई हास्पिटल में मोतियाङ्क्षबद आपरेशन के बाद आंख में फैले संक्रमण को लेकर जिले में चल रहे अंधापन निवारण कार्यक्रम पर सवाल उठ रहा है। सरकार की ओर से हर साल अंधापन निवारण को जो राशि दी जा रही है उसका कितना इनपुट मिल रहा है। इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए जिला स्तर पर अनुश्रवण के लिए कोई टीम है या नहीं। यदि टीम है तो क्या जांच की गई? जिला स्तर पर निजी अस्पताल की निगरानी को लेकर चूक तो नहीं हो रही। इसकी क्षेत्रीय अपर निदेशक डा.राकेशचन्द्र सहाय वर्मा ने छानबीन शुरू कर दी है। उन्होंने पूरे प्रकरण में छह ङ्क्षबदुओं पर अपनी रिपोर्ट तलब की है।

क्षेत्रीय अपर निदेशक का पत्र आते ही सीएस व एसीएमओ कार्यालय में हलचल तेज है। पत्र में कहा गया है कि मुजफ्फरपुर आई हास्पिटल की घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए हर स्तर पर निगरानी की जरूरत है। सीएस से जो रिपोर्ट मांगी गई है उसका जवाब आने के बाद वह अपने स्तर से समीक्षा करेंगे। प्रमंडलीय आयुक्त, अंधापन निवारण कार्यक्रम के राज्य पदाधिकारी, निदेशक प्रमुख, अपर मुख्य सचिव, विशेष सचिव सह कार्यपालक निदेशक को भी रिपोर्ट दी जाएगी।

इन ब‍िंदुओं पर मांगी रिपोर्ट

- जिले मे कितने निजी अस्पताल मोतियाब‍िंद  आपरेशन के लिए संबद्ध हैं। उनका नाम और कब तक के लिए संबद्ध थे या आगे तक हैं।

- सदर अस्पताल में कितने नेत्र विशेषज्ञ चिकित्सक पदस्थापित हैं। इनकी ओर से इस वित्तीय साल में कितने लोगों का उपचार किया गया।

- सदर अस्पताल में नेत्र शल्य कक्ष की अद्यतन स्थिति, मोतियाङ्क्षबद आपरेशन का लक्ष्य व उपलब्धि और संस्थावार उपलब्धि का ब्योरा।

- संबद्ध संस्थाओं के अनुश्रवण के लिए जिला स्तर पर व्यवस्था, मानक के अनुरूप संस्था काम कर रहीं या नहीं इसकी पड़ताल पर रिपोर्ट।

- संबद्ध होने से पहले अस्पताल की जांच होती है। इसके बाद वह शर्त के मुताबिक काम कर रहा या नहीं इसकी कितने दिन पर जांच होती है।

- सरकार की ओर से इस वित्तीय साल में मोतियाङ्क्षबद आपरेशन के लिए आवंटित राशि और व्यय का विवरण।

जांच रिपोर्ट आने के बाद भी आरोपितों पर हाथ नहीं डाल रही पुलिस

मुजफ्फरपुर। आई हास्पिटल मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के छठे दिन मंगलवार को भी पुलिस कोई नतीजे पर नहीं पहुंची। जांच-दर-जांच कर पुलिस अभी साक्ष्य संकलन में ही जुटी है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से पुलिस को जांच रिपोर्ट से अवगत कराया गया है। ब्रह्मपुरा थाने की पुलिस आरोपितों पर हाथ नहीं डाल रही है। इससे पुलिस की शिथिल गति से चल रही जांच व कार्रवाई पर सवाल उठने लगे हैं। हालांकि ब्रह्मïपुरा पुलिस वरीय अधिकारियों के निर्देश के इंतजार में है। 

नगर डीएसपी रामनरेश पासवान ने बताया कि सभी ङ्क्षबदुओं पर पुलिस जांच कर रही है। इसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि सोमवार को ब्रह्मïपुरा थानाध्यक्ष अनिल कुमार गुप्ता ने सदर अस्पताल पहुंचकर सिविल सर्जन कार्यालय में अधिकारियों के साथ विभिन्न ङ्क्षबदुओं पर जानकारी ली थी। करीब पांच घंटे तक वहीं रुके थे। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग ने आई हास्पिटल में इलाज कराने वाले मरीजों की सूची व उससे संबंधित कागजात मुहैया कराए थे। बताते चलें कि आई हास्पिटल में आपरेशन के दौरान कई लोगों की आंखों की रोशनी चली गई। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जांच रिपोर्ट के आधार पर चिकित्सक व कर्मी समेत 14 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। 

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