बगहा मेें जलस्तर में कमी के बाद भी मुसीबतें बरकरार, भूख से बिलख रहे लोग
West Champaran चार दिन बाद भी बाढ़ पीड़ितों को नहीं मिली राहत सामग्री जल स्तर घटने के बाद भी घरों में बाढ़ का पानी घुसा हुआ है। स्थानीय प्रशासन के द्वारा ना ही प्लास्टिक दिया गया और ना ही भोजन।
पश्चिम चंपारण, जासं। मधुबनी प्रखंड के दो पंचायतों क्रमश: सिसही व चिउरही में बाढ़ से लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। जल स्तर घटने के बाद भी घरों में बाढ़ का पानी घुसा हुआ है। स्थानीय प्रशासन के द्वारा ना ही प्लास्टिक दिया गया और ना ही भोजन। सरकार के लाख दावो के बाद भी इन बाढ़ पीड़ितों में किसी प्रकार का लाभ नहीं मिला है। लगातार हो रही बारिश और बाढ़ का पानी घरों में आ जाने के बाद लोग अपने घरों को छोड़कर ऊंचे स्थानों पर जा रहे।
जरूरी सुविधा भी नहीं
जल स्तर कम होने के बाद गुरुवार से लोगों को भोजन मिलना शुरू हुआ। इस दौरान ग्रामीणों ने किसी तरह से लिट्टी बनाकर पेट भरा। दोनों पंचायतों में बाढ़ का पानी आने के बाद लोग बांध और ऊंचे स्थान पर शरण लेने गए। लेकिन कोई सुविधा नही होने पर ग्रामीण अपने रिश्तेदारों के घर पलायन कर गए हैं। कुछ ग्रामीण गांव में ही रहने को मजबूर हैं।
कहते हैं लोग :-
चिउरही पंचयात के टेनी गोंड,कैलाश गोंड,रामनारायण गोंड व रघुनाथ गद्दी का कहना है कि टोला उरदही नदी के गोद में बसा है। जिसके कारण हर साल बाढ़ से काफी नुकसान होता है। लेकिन प्रशासन के द्वारा कोई सुविधा नहीं मिलती है। इस कारण कई परिवार भूखे पेट सो रहे हैं। बाढ़ का पानी घरों में आ जाने के कारण हम सभी ऊंचे स्थान पर हर साल जाने की मजबूरी है।