Muzaffarpur:17 लाख खर्च के बाद भी आठ वेलनेस सेंटर रहे अधूरे, मरीजों को हो रही परेशानी

तत्कालीन स्वास्थ्य प्रबंधक कुमार रामकृष्ण ने 17 लाख की निकासी की। शेष राशि पीएचसी के खाते में है। बावजूद वर्तमान स्वास्थ्य प्रबंधक आलोक कुमार एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. राजेश कुमार इसके निर्माण के प्रति गंभीर नहीं हैं।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 11:44 AM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 11:44 AM (IST)
Muzaffarpur:17 लाख खर्च के बाद भी आठ वेलनेस सेंटर रहे अधूरे, मरीजों को हो रही परेशानी
पीएचसी प्रभारी ने कार्य पूर्ण कराने में नहीं ली रुचि।

मुशहरी (मुजफ्फरपुर), जासं। 17 लाख खर्च के बाद भी आठ वेलनेस सेंटर रहे अधूरे रह गए। प्रखंड के 11 स्वास्थ्य उपकेंद्र को अपग्रेड कर आयुष्मान भारत योजना के तहत वेलनेस सेंटर का निर्माण करना था। तत्कालीन प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं तत्कालीन स्वास्थ्य प्रबंधक ने तीन सेंटर का काम पूरा करा लिया, जबकि आठ का काम जारी था। इसी बीच दोनों का तबादला हो गया और वेलनेस सेंटर का निर्माण अधूरा रह गया। इस कारण भौतिक रूप में न स्वास्थ्य उपकेंद्र रह गया और न वेलनेस सेंटर। बताया गया कि प्रति वेलनेस सेंटर के लिए सात लाख की राशि निर्धारित थी। तत्कालीन स्वास्थ्य प्रबंधक कुमार रामकृष्ण ने 17 लाख की निकासी की। शेष राशि पीएचसी के खाते में है। बावजूद वर्तमान स्वास्थ्य प्रबंधक आलोक कुमार एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. राजेश कुमार इसके निर्माण के प्रति गंभीर नहीं हैं। इससे अधूरे भवन में उपस्कर व अन्य मेडिकल सामग्री बर्बाद हो गई। रघुनाथपुर, सलहा,रोहुआ, बुधनगरा, गोबरसही, राजबाड़ा, द्रोणपुर एवं पकड़ी इस्माइल के वेलनेस सेंटर अपूर्ण हैं, जबकि मदापुर चौबे, नरौली सेन एवं नरौलीडीह के वेलनेस सेंटर पूर्ण हो गए हैं। सभी केंद्रों पर एएनएम की प्रतिनियुक्ति की गई है, लेकिन अपूर्ण भवन में बैठने की व्यवस्था नहीं। एएनएम पुष्पा कुमारी ने कई बार भवन पूर्ण कराने के लिए लिखित आवेदन दिया, लेकिन नहीं सुनी गई। स्वास्थ्य प्रबंधक आलोक कुमार ने बताया कि पुराने प्रबंधक ने प्रभार ही पूर्ण रूप से नहीं दिया, जबकि एक वर्ष से अधिक समय हो गया। इसके लिए कोई कार्रवाई भी अबतक नहीं की गई।

आथर पुल का एप्रोच पथ ध्वस्त, हादसे की आशंका

बोचहां (मुजफ्फरपुर), संस : हल्की बरसात में ही आथर पुल का एप्रोच पथ ध्वस्त होने लगा है जिससे हादसे की आशंका बन गई है। आथर के अजय कुमार चौधरी, सत्य नारायण चौधरी, जय प्रकाश यादव, सरफुद्दीनपुर के धर्मेंद्र कुमार चौधरी, सत्येंद्र कुमार वर्मा उर्फ ननकी वर्मा, चंदेश्वर रजक आदि नेबताया कि मिट्टी की जगह सिर्फ बालू भरकर एप्रोच पथ का कार्य किया गया है। निर्माण कार्य एजेंसी द्वारा मानक और कटावरोधी कार्य नहीं किया गया है। नतीजतन हल्की बरसात से ही एप्रोच पथ ध्वस्त हो रहा है। बूढ़ी गंडक नदी से महज 100 गज दूरी पर स्थित एप्रोच पथ में कटाव के साथ सुरंग भी बनने लगा है। इसकी सूचना विभाग समेत जिला प्रशासन को देकर जांच व कार्रवाई की मांग की गई। तत्काल इसकी मरम्मत कराई जाए। पंचायत के मुखिया विनोद राम ने बताया कि न ही कटावरोधी कार्य किया गया और न ही सूचना के बाद विभागीय अधिकारी इसे देखना उचित समझ रहे हैं। सिर्फ बालू डाल कर एप्रोच पथ बनाया गया है। इसकी शिकायत डीएम से करते हुए जांच व कार्रवाई की मांग करेंगे। 

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