इंटर स्कूल व कॉलेज में छात्राओं से वसूले जा रहे नामांकन शुल्क, सरकारी आदेश की अनदेखी

अनुसूचित जाति -अनुसूचित जनजाति के छात्रों से इंटर में नामांकन शुल्क लिया जा रहा है। शिकायत करने पर भी कोई सुनवाई नहीं।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Wed, 12 Aug 2020 06:59 PM (IST) Updated:Wed, 12 Aug 2020 06:59 PM (IST)
इंटर स्कूल व कॉलेज में छात्राओं से वसूले जा रहे नामांकन शुल्क, सरकारी आदेश की अनदेखी
इंटर स्कूल व कॉलेज में छात्राओं से वसूले जा रहे नामांकन शुल्क, सरकारी आदेश की अनदेखी

समस्तीपुर, जेएनएन। जिले के प्लस टू सरकारी स्कूल एवं इंटर कॉलेजों में सरकार के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए छात्राओं एवं अनुसूचित जाति -अनुसूचित जनजाति के छात्रों से इंटर में नामांकन शुल्क लिया जा रहा है। जबकि सभी जाति की छात्राओं एवं एससी-एसटी के छात्रों से बिना शुल्क लिए नामांकन लेना है। इनका नामांकन फैसिलिटेशन सिस्टम फॉर स्टूडेंट्स (ओएफएसएस) सिस्टम के आए मेल के आधार पर ही कर देना है। उनसे किसी प्रकार का नामांकन फार्म एवं नामांकन शुल्क नहीं लेना है। लेकिन उसके बाद भी जिले के अधिकांश कॉलेज में नामांकन शुल्क लिया जा रहा है। जब इसकी शिकायत छात्राएं प्राचार्य से कर रही हैं तो उन्हें सीधे यह कहा जा रहा है कि उन्हें जहां जाना है जाएं। यहां बिना शुल्क दिए नामांकन नहीं होगा।

शिक्षा अधिकारी का भी भय नहीं

स्कूल प्रशासन उनसे 1500 से 2000 तक वसूल रहा है। जबकि सरकार ने छात्राओं एवं अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति के लड़कों को इंटर से लेकर पीजी तक की पढ़ाई पूरी तरह से निशुल्क कर दिया है। राज्य सरकार उसे गजट में भी प्रकाशित कर दिया है। यहां के सरकारी प्लस टू स्कूलों के प्राचार्य सरकार के आदेश के ठेंगा तो दिखा ही रहे है। उन्हें जिला के शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों का भी खौंफ नहीं है।

शिकायत मिलने पर जांच कराई जाएगी

समस्तीपुर के जिला शिक्षा पदाधिकारी वीरेंद्र नारायण प्लस टू स्कूलों में इंटर में नामांकन के दौरान छात्राएं एवं अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति के छात्रों से पैसे वसूलने की शिकायत मिलने पर जांच कराई जाएगी। इसमें दोषी पाए जाने पर एचएम पर कार्रवाई की जाएगी।  

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