पश्चिम चंपारण में क्षतिग्रस्त पुल व पुलिया और जर्जर सड़कों का सर्वे करने नहीं आए अभियंता

डीएम के निर्देश पर सीओ के नेतृत्व में तीन अभियंताओं की बनी थी टीम सीओ ने अकेले सर्वे कर भेज दिया रिपोर्ट टीम में सीओ मनीष कुमार आरसीडी के कनीय अभियंता चन्द्रदेव प्रसाद सिकरहना तटबंध प्रमंडल के कनीय अभियंता व त्रिवेणी के कनीय अभियंता शामिल थे।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 05:02 PM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 05:02 PM (IST)
पश्चिम चंपारण में क्षतिग्रस्त पुल व पुलिया और जर्जर सड़कों का सर्वे करने नहीं आए अभियंता
इलाके के जर्जर सड़कों समेत क्षतिग्रस्त पुल व पुलियों का सर्वे कर उसे चिन्हित किया गया।

पश्चिम चंपारण, जासं। जिलाधिकारी कुंदन कुमार के निर्देश पर इलाके के जर्जर सड़कों समेत क्षतिग्रस्त पुल व पुलियों का सर्वे कर उसे चिन्हित किया गया। यह कार्य डीएम द्वारा गठित चार सदस्यीय टीम ने किया। टीम में सीओ मनीष कुमार, आरसीडी के कनीय अभियंता चन्द्रदेव प्रसाद, सिकरहना तटबंध प्रमंडल के कनीय अभियंता व त्रिवेणी के कनीय अभियंता शामिल थे। लेकिन एक भी अभियंता सर्वे में नहीं आए। सीओ ने ही सर्वे कार्य कर प्रतिवेदन भेजा है।

बताया कि प्रखंड में दर्जनों पुल व पुलियों समेत जर्जर सड़कों को चिन्हित किया गया है। इसमें शिकारपुर से झुमका सड़क के बीच पुलिया, भौंरा से शिकारपुर के बीच पुलिया, शांति चौक से मंगलपुर सड़क में पुलिया, जगरन्नाथपुर से कदमवां सड़क में पुलिया क्षतिग्रस्त है। मंगलपुर से छपैनिया के बीच पुल, बर्दही से सूर्यपुर के बीच पुल क्षतिग्रस्त है। त्रिवेणी नहर में कंगली थाना के आगे दक्षिणी तटबंध ध्वस्त, भौंरा में सड़क के नीचे ह्यूम पाइप में जाम की स्थिति है। बर्दही के पास चेक डैम के विपरित सिल्ट्रेशन की समस्या है। करताहां व सिकरहना नदी के मुहाना के पास बांध सु²ढ़ीकरण की आवश्यकता है। त्रिवेणी नहर में सिकटा गांव के पास उतरी तटबंध तीन जगहों पर क्षतिग्रस्त है। सीओ ने बताया कि सर्वे रिपोर्ट एसडीएम नरकटियागंज को भेज दिया है।

महेशडा घाट पुल पर वैकल्पिक एप्रोच के लिए भूस्वामियों से नहीं बनी सहमति

महेशडा घाट पुल का एप्रोच पथ नहीं बनने से जलजमाव व आवागमन को लेकर हो रही परेशानी से निजात दिलाने की पहल प्रशासन की ओर से की गई है। इसको लेकर शनिवार को बीडीओ मीरा शर्मा, गोपालपुर थानाध्यक्ष राजरूप राय ने ग्रामीणों के साथ बैठक की, जिसमें भूस्वामियों ने अपनी स्वीकृति दे दी। लेकिन जैसे ही मिट्टी डालकर सड़क बनने के बाद उस पर ईट सोङ्क्षलग की बात आई तो कुछ भूस्वामी जमीन देने से इंकार कर दिये। प्रशासनिक अधिकारियों के दबाव पर वे लोग विचार करने के लिए दो दिनों का मोहलत लिए है। बीडीओ ने कहा कि लोगों की परेशानी को देखते हुए इस समस्या का वैकल्पिक व्यवस्था करने के लिए विधायक वीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता का भी भरपूर प्रयास रहा है।

वही समाजसेवी संजय कुमार ओझा भी इसके लिए प्रयासरत है। समाजसेवी ने कहा कि इसका भी विकल्प है। इस पर लोगों की सहमति नही बनी तो सरपंच धनीलाल पटेल के घर से एक सड़क सिकरहना नदी तक जाती है। जिसपर पहले पंचायत कोष से मिट्टी भराई कार्य हुआ था। इसमें लगभग कोई अड़चन नही है। जिसपर आसानी से वैकल्पिक सड़क का निर्माण हो सकेगा। बीडीओ ने बताया कि सिकरहना नदी में करीब छह साल पहले पुल बन गया। लेकिन उसका एप्रोच पथ नही बना। भूस्वामियों को मुआवजे की राशि नही मिलने से एप्रोच का निर्माण नही हो रहा है। जिससे सिकटा व बेतिया का सीधा सड़क सम्पर्क नही हो रहा है। बैठक में मुखिया जयंत ओझा, समाजसेवी संजय कुमार ओझा, रफीक देवान, इमाम ठकुराई, खैराती देवान, वहाब आदि ग्रामीण मौजूद थे।

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