रक्सौल-सीतामढी रेलखंड पर जल्द दौड़ेगी इलेक्ट्रिक ट्रेन, बाघ एक्सप्रेस का परिचालन शुरू

Muzaffarpur इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाने का कार्य तेजी से चल रहा है। इसके शुरू होने से रक्सौल तक के यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी। वहीं बारिश की वजह से रद रही बाघ 03919 एक्सप्रेस का परिचालन शुरू हो गया है।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 09:18 AM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 09:18 AM (IST)
रक्सौल-सीतामढी रेलखंड पर जल्द दौड़ेगी इलेक्ट्रिक ट्रेन, बाघ एक्सप्रेस का परिचालन शुरू
इलेक्‍ट्र‍िक ट्रेन चलाने को लेकर कार्य में तेजी।

पू. चंपारण (रक्सौल), जासं। सीतामढ़ी-रक्सौल रेलखंड पर अगले माह इलेक्ट्रिक ट्रेन दौड़ सकती है। सीतामढ़ी से रक्सौल की दूरी 110 किलोमीटर है। आदापुर तक विद्युतीकरण कार्य पूरा हो चुका है। रक्सौल तक का कार्य तेजी से चल रहा है। विद्युत इंजीनियर आमोद कुमार सिंह ने कहा कि इस वर्ष समय से पहले बारिश शुरू हो गई। मौसम ने साथ दिया तो विद्युतीकरण कार्य रक्सौल तक इस माह के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद इलेक्ट्रिक ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जाएगा। इससे रेलवे का डीजल खर्च बचेगा।

बाघ एक्सप्रेस का परिचालन शुरू

मुजफ्फरपुर । पिछले कई दिनों से भारी बारिश के कारण रद चल रही बाघ 03919 एक्सप्रेस का परिचालन सोमवार से शुरू कर दिया गया। बाघ एक्सप्रेस नियत समय से हाबड़ा से रवाना होकर मंगलवार को मुजफ्फरपुर स्टेशन पर सुबह 10.10 में पहुंचेगी। इसे लेकर यात्रियों में खुशी देखी गई।

बता दें कि काठगोदाम से हाबड़ा के लिए पूर्व मध्य रेल के मुजफ्फरपुर रेल रुट से एक ही ट्रेन होने के कारण इस ट्रेन की प्रतीक्षा में रेल यात्री घंटों बैठे रहते हैं। 30 जुलाई को काठगोदाम से यह ट्रेन नहीं चली थी। 1 अगस्त को यह ट्रेन काठगोदाम से प्रस्थान कर गई है।

कुढऩी के पास बूम तोड़ा

कुढऩी रेलवे स्टेशन के समीप किसी वाहन के धक्के से रेलवे गुमटी का बूम टूट गया। बाद में आरपीएफ ने पहुंच कर मामले की जांच की। गुमटी बनने तक स्लाइडर लगाकर ट्रेनों का परिचालन कराया गया।

जंक्शन पर कैंटीन चालू करने की मांग

मुजफ्फरपुर। जंक्शन पर बंद पड़े भोजन कैंटीन को चालू करने की मांग लक्ष्मीनारायण रोड निवासी रेल यात्री सिद्धेश्वर प्रसाद ने डीआरएम सोनपुर से की है। इस बाबत पत्र लिख कर कहा है कि प्लेटफार्म संख्या एक पर कैंटीन में वर्षों से ताला लटका हुआ है। संवेदक के निधन के बाद रेल प्रशासन ने उक्त कैंटीन को बंद कर दिया। इसके कारण रेल यात्रियों को जंक्शन पर शुद्ध नाश्ता, भोजन मिलना दूभर हो गया है।

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