कोरोना काल के बाद पटरी पर लौट रहा पठन-पाठन
कोरोना काल के बाद खुले सरकारी स्कूलों में धीरे-धीरे पठन-पाठन पटरी पर आने लगा है।
मुजफ्फरपुर : कोरोना काल के बाद खुले सरकारी स्कूलों में धीरे-धीरे पठन-पाठन पटरी पर आने लगा है। विद्यार्थी भी स्कूल पहुंच रहे हैं। वहीं, इनकी शत-प्रतिशत उपस्थिति के लिए शिक्षक भी प्रयासरत हैं। जिले के कुछ सरकारी स्कूलों में तो व्यवस्था अच्छी है। वहीं, कुछ में बच्चों को बैठने तक का इंतजाम नहीं है।
आपरेशन ब्लैक बोर्ड के तहत गुरुवार को दोपहर में रमना स्थित हरिहरनारायणकन्या विद्यालय की पड़ताल की गई। इस दौरान वहां छात्राओं की अच्छी उपस्थिति दिखी। प्रधानाध्यापक अर्चना कुमारी समेत सभी शिक्षक मौजूद थे। छात्राओं से कुछ सवाल भी पूछे गए तो उन्होंने सजगता से जवाब दिया। गुलाब कुमारी, अफसाना, देवश्री कुमारी आदि छात्राओं ने बताया कि नियमित कक्षा चलती है। खेल की घंटी लगने पर हम सभी आपस में कबड्डी आदि खेलते हैं। खेल के दौरान कहीं कोई चोटिल न हो इसका भी शिक्षक ध्यान रखते हैं।
वहीं, दैनिक जागरण द्वारा सरकारी स्कूलों की पड़ताल के लिए चलाए जा रहे अभियान आपरेशन ब्लैक बोर्ड में जारी वाट्सएप नंबर पर इसकी प्रशंसा करते हुए लोग अपनी बात रख रहे हैं।
बयान
अभी 60 प्रतिशत बच्चों की उपस्थिति रहती है। 40 प्रतिशत को घर से लाने का प्रयास किया जा रहा है। कुछ बच्चे बाहर चले गए हैं। 15 दिनों तक नहीं आने पर उनका नाम काट देना है। उन्हें फोन करके बुलाया जा रहा है।
अर्चना कुमारी, प्रधानाध्यापक, हरिहर नारायण कन्या मध्य विद्यालय
इन लोगों ने रखी अपनी बात
सरकारी से अधिक प्राइवेट स्कूल व कोचिग में बच्चे पढ़ने जाते हैं, क्योंकि सरकारी स्कूलों में सही से पढ़ाई नहीं होती है अगर होती तो प्राइवेट स्कूल या कोचिग की आवश्यकता नहीं पड़ती।
सोनू कुमार, बीए पार्ट-1, सरैया उत्क्रमित मध्य विद्यालय पितौझिया औराई में आठ शिक्षक हैं, लेकिन पढ़ाई की स्थिति बेहद खराब है। बच्चे हाजिरी बनाकर स्कूल के बाहर चले जाते हैं। इन पर शिक्षकों का नियंत्रण नहीं है।
मनोज कुमार सहनी, पितौझिया, औराई एक शिक्षक को विद्यार्थी की जीवनशैली से संबंधित संपूर्ण ज्ञान व समझ होनी चाहिए। उनको किस तरह विद्यालय व वर्ग में रोकना और अनुशासन में रखना है, इसकी समझ होनी चाहिए।
शुभम कुमार, छात्र, हरिपुर कृष्णा, सकरा सरकार को शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त करनी चाहिए ताकि लोग निजी विद्यालय की ओर न जाएं। अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाएं। यहां के लोगों का सरकारी शिक्षा व्यवस्था से भरोसा उठ गया है।
धनंजय कुमार, छात्र, सरैया अप्रशिक्षित शिक्षक व खराब शिक्षण प्रणाली से सरकारी स्कूलों की वर्तमान स्थिति बहुत खराब है। कुछ शिक्षकों को वर्तनी तक का ज्ञान नहीं होता है। सरकार को शिक्षा व्यवस्था सुदृढ़ कराने के लिए कड़ाई करनी चाहिए।
शक्ति प्रकाश, छात्र, मुशहरी सरकारी स्कूलों में शिक्षक छात्रों के प्रति जागरूक नहीं हैं। विद्यार्थी पढे़ या नहीं इनसे बहुत मतलब नहीं रखते। शिक्षक विद्यार्थी को सही तरीके से पढ़ाते तो वे प्राइवेट स्कूल या कोचिग संस्थान में जाने को मजबूर नहीं होंगे।
अभय कुमार चौधरी, पटरहिया, सरैया