मुजफ्फरपुर में सड़क पर ही कचरे की डंपिंग, कैसे सुधरेगी शहर की रैंकिंग?

शहर में प्राइमरी और सेकेंड्री डंपिंग प्लेस का अभाव मुख्य सड़क पर एकत्र किया जाता कचरा। 130 स्थानों पर शहर में निगम की ने रखे हैैं बड़े कूड़ेदान सड़क पर ही लगा रहता कचरे का अंबार। इससे प्रदूषण भी फैलता है और सफाइल करने में भी परेशानी होती है।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 09:49 AM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 09:49 AM (IST)
मुजफ्फरपुर में सड़क पर ही कचरे की डंपिंग, कैसे सुधरेगी शहर की रैंकिंग?
नगर निगम को उठाने होंगे कई बड़े व कड़े कदम, शहरवासियों को बदलनी होंगी आदतें। फाइल फोटो

मुजफ्फरपुर, जासं। हम देश के स्वच्छ शहरों की चर्चा तो करते हैं, लेकिन उनके जैसा बनने की कोशिश कभी नहीं करते। हमारा शहर भी इंदौर बन सकता है, लेकिन इसके लिए नगर निगम को कई बड़े व कड़े कदम उठाने होंगे। शहरवासियों को भी देश के स्वच्छ शहरों में रहने वाले लोगों जैसा आचरण करना होगा। इंदौर जैसा शहर बनाने के लिए हमारे सामने कई चुनौतियां हैं। इसमें सबसे बड़ी चुनौती शहर से निकलने कचरे को ठिकाने लगाने के मैनेजमेंट को दुरुस्त करने की है। अपने शहर में प्राइमरी व सेकेंड्री डंपिंग प्लेस का अभाव है। इसलिए मुख्य सड़क को ही डंपिंग प्लेस बना दिया गया है। 

लोगों के घरों व दुकानों से निकले कचरे को लाकर मुख्य सड़क पर डंप कर दिया जाता है। यहां पूरे दिन कचरे का अंबार लगा रहता है। इससे न सिर्फ लोगों की सेहत पर असर पड़ता है, बल्कि निगम की छवि भी खराब होती है। वहीं सेकेंड्री डंपिंग प्वाइंट नहीं होने से एक चौथाई इलाके का कचरा मालगोदाम रोड पर डंप किया जाता है। यह रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड से सटी है। बाहर से आने वाले यात्रियों का सीधा सामना वहां जमा कचरे से होता है और निगम के साथ-साथ शहर की छवि खराब होती है। निगम लाख प्रयास के बाद भी वार्डों व गली-मोहल्लों में प्राइमरी डंपिंग स्थल की तलाश नहीं कर सका है।

जनता की लापरवाही, कूड़े में कूड़ेदान

शहर में नगर निगम द्वारा चौक-चौराहोंऔर गली-मोहल्लों में 130 बड़े कूड़ेदान रखे गए हैं ताकि लोग उसमें कूड़ा डालें। लोगों के कदम इन तक नहीं पहुंच पाते। वे दूर से ही कूड़ेदान के बहार कूड़ा फेंक देते हैं। कूड़ेदान में कूड़ा डालने की जरूरत नहीं समझी जाती है। वहीं गली-मोहल्लों से ठेला व ट्राली द्वारा उठाकर लाया गया कचरा भी कूड़ेदान के पास डंप कर दिया जाता है। इस प्रकार कूड़ेदान में कूड़ा रहने की जगह कूड़े में ही कूड़ेदान रह जाता है। इसके लिए निगम के साथ-साथ लोग भी जिम्मेदार हैं जो कचरे को डस्टबिन में डालना जरूरी नहीं समझते हैं। लोगों को यह मानसिकता बदलनी होगी तभी शहर स्वच्छ, स्वस्थ व समृद्ध होगा और हम स्वच्छता के मामले में इंदौर तो नहीं, लेकिन देश के 50 स्वच्छ शहरों में जरूर शामिल होंगे।

पक्कीसराय में बन रहा जंक्शन प्वाइंट

नगर निगम सिटी मैनेजर ओम प्रकाश ने कहा कि शहर में जमीन की कमी से निगम को डंपिंग प्वाइंट बनाने में परेशानी हो रही है। पक्कीसराय में जंक्शन प्वाइंट बनाया जा रहा है। शहर का कचरा वहां डंप कर निष्पादन के लिए बड़े वाहनों की मदद से निष्पादन को ले जाया जाएगा। शहर में जगह-जगह कूड़ेदान रखे गए हैं, लेकिन लोग इसमें कचरा नहीं डालकर सड़क पर फेंक देते हैं। इसके लिए लोगों को जागरूक करने व जुर्माना लगाने की तैयारी चल रही है।  

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