तापमान में कमी के चलते सिकुड़ जाती हैं जोड़ों की नसें, सावधानी जरूरी
इस मौसम में ठंडी हवा की वजह से जकड़न और जोड़ों में दर्द की समस्या बनी रहता है। ठंड से बचाव के लिए करें गर्म कपड़ों का प्रयोग चिकित्सकों का मानना है कि तापमान में कमी के चलते बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।
पश्चिम चंपारण, जासं । लगातार पड़ रही ठंड के बाद शुक्रवार की दोपहर हल्की धूप निकलने के बाद ठंड से थोड़ी निजात मिली। हालांकि इस दौरान हवा चलने से ठंड का असर पूरे दिन रहा। सर्दियों के मौसम में बुजुर्गो में जोड़ों के दर्द की समस्या अधिक देखने को मिलती है। जैसे-जैसे सर्दी बढ़ती है दर्द में भी वृद्धि होती है। चिकित्सकों का मानना है कि तापमान में कमी के चलते जोड़ों की नसें सिकुड़ती हैं और उस हिस्से में रक्त का तापमान कम हो जाता है, जिसके चलते जोड़ों में अकडऩ होने के साथ दर्द होने लगता है।
ठंडी हवा से बचने के लिए गर्म कपड़ों से शरीर और जोड़ों को ढककर रखें :
हरनाटांड़ स्थित मदन गंगिया हॉस्पिटल के चिकित्सक डॉ. कामेश्वर महतो का कहना है कि ठंड में जितना हो सके शरीर में गर्माहट बनाए रखने की कोशिश करें। ठंडी हवा जकडऩ और जोड़ों में दर्द का बड़ा कारण है। : इनसे बचें और गर्म कपड़ों से शरीर और जोड़ों को ढंककर रखें। धूप सेकना इस समस्या में बेहद फायदेमंद होता है। सुबह-सुबह बिस्तर से निकलकर गुनगुनी धूप में बैठें। इससे मिलने वाला विटामिन डी, खास तौर से हड्डियों के लिए फायदेमंद है। मालिश करना भी जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने के लिए बेहद फायदेमंद है। सरसों के तेल में लहसून और मेथीदाना पकाकर इस तेल की मालिश जोड़ों पर कर सकते हैं, इससे गर्माहट मिलेगी और दर्द से बचाव होगा। इस मौसम में सुबह उठकर सैर पर जरूर जाएं या फिर घर पर ही एक्सरसाइज करें।
गर्भवती व बच्चों को लगा टीका
वहीं पीएचसी के पोषक क्षेत्रों में नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को गर्भवती तथा बच्चों को एएनएम वा आशा कर्मियों ने टीका लगाया गया । प्रभारी डॉक्टर रङ्क्षवद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि गर्भवती के वजन, ब्लड प्रेशर की जांच कर निशुल्क कैल्शियम,आयरन की गोली दी गई । तथा टीटी का टीका लगा । केयर इंडिया के समन्वयक उमेश कुमार ने भी जांच की । कोई गड़बड़ी नहीं मिली । नर्स बेबी कुमारी, अनिता कुमारी,सुजाता कुमारी,प्रिती कुमारी, कृष्णा कुमारी तथा आशा फैसिलिटेटर मीना देवी, ङ्क्षबदु देवी आदि मौजूद थीं।