दरभंगा में कंकाली मंदिर के मुख्य पुजारी की हत्या के पीछे नशा ही मुख्य कारण, जान‍िए पूरा मामला

Darbhanga news नशे की लत में डूब रहे युवक कंकाली मंदिर परिसर बना अड्डा नशे की लत ने कुछ युवाओं को अपराध करने पर मजबूर कर दिया है। मोबाइल और बाइक चोरी की घटनाएं भी बढ़ गई है।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 08:19 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 08:20 PM (IST)
दरभंगा में कंकाली मंदिर के मुख्य पुजारी की हत्या के पीछे नशा ही मुख्य कारण, जान‍िए पूरा मामला
नशे की लत में हो रहीं आपराध‍िक घटनाएं। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

दरभंगा, जासं। नाश की जड़ नशा। यह कहावत तो बहुत पुरानी है। बावजूद, लोग नहीं संभल रहे हैं और ना ही दूसरे को संभाल रहे हैं। नतीजा, इसका प्रभाव समाज पर तेजी से फैल रहा है। कल तक उम्रदराज लोग नशा का सेवन करते थे। लेकिन, युवा वर्ग के साथ किशोर भी नशे की लत में डूब रहे हैं। कंकाली मंदिर के मुख्य पुजारी राजीव कुमार झा उर्फ अंटू की हत्या के पीछे नशा ही मुख्य कारण है। नशे की लत अच्छे परिवार के बच्चों को अपराध करने पर मजबूर कर दिया।

पुजारी के भतीजा झुणु झा से एक कॉल करने के लिए दो युवकों ने मोबाइल मांगा। झुणु ने मोबाइल दे दिया। इसके बाद बात करते हुए दोनों युवक मोबाइल लेकर फरार हो गए। मोबाइल को ओने-पौने भाव में बेच दिया और नशे की सामग्री खरीदकर डूब गए। दो दिनों के बाद रामबाग स्थित कंकाली मंदिर परिसर में दोनों युवकों को पकड़ लिया गया। मोबाइल मांगने पर कहा- हमने मोबाइल लिया ही नहीं। बात बढ़ी और मारपीट तक पहुंच गई। मोबाइल लेने वाले दो युवक घायल हो गए। इस प्रतिशोध का बदला अपने साथियों को बुलाकर लिया गया। मारपीट का बदला मारपीट से नहीं बल्कि, झुन्नू के चाचा व मुख्य पुजारी को गोली मारकर लिया।

अपराधियों के निशाने पर रहा कंकाली मंदिर 

राज परिसर स्थित रामबाग मोहल्ला में स्थित कंकाली मंदिर अपराधियों के निशाने पर रहा है। दरअसल, इस ऐतिहासिक मंदिर में जो प्रतिमा है वह सैकड़ों साल पुराना है। इस पर अपराधियों की नजर है। 2017 में इस मंदिर के प्रधान पुजारी राजिव कुमार झा उर्फ अंटू की हत्या की साजिश रची गई थी। बदमाशों का मुख्य उदेश्य प्रतिमा लूटना था। लेकिन, इसकी भनक पुलिस को समय रहते मिल गई। और ताबड़तोड छापेमारी कर मोतीहारी जिले के छह बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया गया था। बावजूद मंदिर व श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पुलिस बल अब तैनात नहीं किया गया। यहां तक परिसर में पुलिस गश्त लगाना भी उचित नहीं समझा। नतिजा, चार वर्षों के अंदर ही मुख्य पुजारी की हत्या कर दी गई । यह अलग बात है कि यह घटना आपराधिक ²ष्टिकोण से नहीं की गई है। लेकिन, सुरक्षा व्यवस्था रहती तो इस घटना को टाला जा सकता था।

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