यहां पीना-पिलाना हराम, नहीं माने तो सामाजिक बहिष्कार, जानिए दरभंगा का पूरा मामला
बिहार में पूर्ण शराबंदी के बावजूद शराब बेचने और पीने वाली काफी सक्रिया है। वहीं दरभंगा की कठरा पंचायत में शराबखोरों के खिलाफ सख्ती मुखिया की पहलकदमी सामाजिक रूप से दरकिनार करने की मुनादी यहां होने वाले सामहूक भोज से भी किए जाएंगे बहिष्कृत।
दरभंगा, तारडीह (अमित कुमार)। अब दुविधा यह कि सामाजिक बहिष्कार को लानत दें या निगोड़ी शराब को। इस पर कुछ कहने से होशियार-समझदार लोग भी कतरा रहे हैं। हालांकि, यह हकीकत है। बिहार में पूर्ण शराबबंदी है, लेकिन पीने वाले जेल जाने की जोखिम के बावजूद ढार रहे। दरभंगा की कठरा पंचायत के शराबखोरों ने जब अति कर दी तो आम सहमति से उन्हें दरकिनार करने का निर्णय हुआ। बजाप्ता मुनादी करा कर अपील हुई कि शराब बेचने और खरीदने वालों की सूचना पुलिस को तत्काल दें, क्योंकि यहां पीना-पिलाना हराम है। इसके बाद भी नहीं समझे-माने तो सामाजिक बहिष्कार के लिए तैयार रहिए। शुक्र है कि अभी तक ऐसा कोई मामला नहीं आया। पंचायत प्रतिनिधि इस निर्णय को समाज सुधार की कवायद बता रहे।
सामूहिक भोज से किया जाएगा बहिष्कृत
शराब पीने और बेचनेवालों को सामूहिक आयोजन से दूर कर दिया जाएगा। उनसे बोलचाल बंद करने के साथ-साथ सामाजिक स्तर पर भोज से भी बहिष्कृत कर दिया जाएगा। मुखिया की इस मुहिम को महिलाओं के साथ युवाओं का भी समर्थन मिल रहा है। युवाओं की टोली शराबियों और धंधे में संलिप्त लोगों पर नजर रख रही। गांव के वासुकीनाथ झा कहते हैं, मुखिया की साहसिक पहल से ग्रामीण एकजुट होकर शराबखोरी का विरोध कर रहे हैं।
शराब से घरेलू हिंसा को मिल रहा बढ़ावा
पंचायत की नवनिर्वाचित मुखिया कुमकुम देवी बताती हैं कि शराब के कारण लोगों के घर तबाह हो रहे। घरेलू ङ्क्षहसा को बढ़ावा मिल रहा। इससे उबरने के लिए सख्ती बरती जा रही है। रविवार को इस अभियान की शुरुआत की गई। सामाजिक बहिष्कार की सजा से ऐसे लोगों में बदलाव आएगा। पूर्व मुखिया राजकुमार झा का कहना है कि इस मुहिम में सबका सहयोग अपेक्षित है।
--पंचायत प्रतिनिधियों का सहयोग शराबबंदी में मील का पत्थर साबित होगा। अन्य पंचायतों के प्रतिनिधियों को भी आगे बढ़कर इस मुहिम में सहयोग करना चाहिए। -राजनंदन कुमार थानाध्यक्ष, मनीगाछी