Darbhanga News लार में सबसे अधिक वायरस, गर्म पानी में नमक डाल करें कुल्ला : डॉ ऋषिता झा
शोध में भी साफ हुआ है कि वायरस की अधिक मौजूदगी कोरोना संक्रमित मरीज के मुंह में ही रहता है। यानी मरीजों के लार में वायरस की सबसे अधिक मौजूदगी रहती है। यही लार पानी की फुहार और खून के साथ बाहर निकलकर फर्श (जमीन) पर भी गिर सकती है।
दरभंगा, जासं। कोरोना संक्रमण काल में दातों की देखभाल बेहद जरूरी है। महिला दंत चिकित्सक डॉ. ऋषिता झा ने बताया है कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति के लार में वायरस की मौजूदगी करीब 91 फीसद तक हो सकती है। शोध में भी साफ हुआ है कि वायरस की अधिक मौजूदगी कोरोना संक्रमित मरीज के मुंह में ही रहता है। यानी मरीजों के लार में वायरस की सबसे अधिक मौजूदगी रहती है। यही लार पानी की फुहार और खून के साथ बाहर निकलकर फर्श (जमीन) पर भी गिर सकती है। इसके संपर्क में आने वाले लोगों को भी संक्रमित कर सकती है। डॉ झा ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को सर्जरी की जरूरत है तो उसे क्लीनिक आना बहुत जरूरी है। क्लीनिक या अस्पताल आने से पहले घड़ी,चूड़ी या इस तरह की कोई भी चीजें ना पहने और किसी भी क्लीनिक में जाने से पहले बेटाडीन माउथ वाश से गार्गल कर लें। नमक व गर्म पानी का कुल्ला जरूर करें।
- मुंह के संक्रमण से ऐसे करें बचाव
-दिन में दो बार ब्रश करना चाहिए।
- चिपचिपी चीजें जैसे चॉकलेट आदि से दूर रहें।
- गुनगुने पानी में नमक डालकर कुल्ला करना फायदेमंद है।
- टूथ ब्रश करने से पहले हाथों को साबुन-पानी से अ'छी तरह से धो लें।
- अगर चिकित्सक के पास जाना बहुत ही जरूरी हो तो मास्क लगाकर जाएं।
- बुखार, खांसी या जुकाम है तो चिकित्सक को पहले से ही बता दें।
कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए दंत चिकित्सकों अपनाएं ये उपाय
- क्लीनिक में आने वालों का तापमान मापें।
- भीड़ से बचने के लिए मरीजों का टाइम स्लॉट तय करें।
-चेकअप या दांतों की सफाई व फिङ्क्षलग के दौरान पीपीई किट पहनें।
- इंट्रा ओरल एक्स-रे से बचें।
- एयरोसाल कम से कम करने की तरकीब निकालें।
- सर्जिकल उपकरणों को विसंक्रमित करने की समुचित व्यवस्था करें।
घनश्यामपुर स्वास्थ्य केंद्र पर कोविड-19 टेस्ट बंद
प्रखंड में रोज 3 से 5 कोविड-19 संक्रमित मरीज मिल रहे हैं। तेजी से फैल रहे कोविड संक्रमण को रोकने के लिए रोज जांच हो रही थी। लेकिन, अचानक से स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर संदिग्ध मरीजों की जांच बंद होने से लोगों में निराशा छाने लगी है। लोग जांच के लिए जागरूक हुए हैं तो सरकारी व्यवस्था दम तोडऩे लगी है।
पुनहद निवासी एक व्यक्ति का पुत्र व पत्नी पिछले 2 दिनों से बुखार सर्दी खांसी दर्द व अन्य लक्षणों के साथ शुक्रवार को घनश्यामपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर कोविड-19 टेस्ट कराने पहुंचे। लेकिन, अस्पताल प्रशासन के द्वारा किट उपलब्ध नहीं होने के कारण टेस्ट नहीं किया गया। इसी तरह से कई लोग बैरंग वापस लौट गए। इसकी बाबत चिकित्सा प्रभारी नवल किशोर प्रसाद ने बताया कि रैपीड टेस्ट किट स्वास्थ्य केंद्र पर उपलब्ध नहीं होने के कारण इन मरीजों की कोविड टेस्ट नहीं की जा सकी है। इन्हें सबसे अलग रहने व गर्म पानी पीने, भाप लेने व अन्य जरूरी सलाह दी गई है। स्वास्थ्य केंद्र पर किट उपलब्ध होते ही
जांच की जाएगी।