एसकेएमसीएच में ओपीडी में समय से नही पहुंचे चिकित्सक, हंगामा

एसकेएमसीएच की ओपीडी में समय से चिकित्सकों के नहींपहुंचने पर मंगलवार को मरीज व उनके परिजन हंगामा करने लगे।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Nov 2019 02:26 AM (IST) Updated:Wed, 20 Nov 2019 06:13 AM (IST)
एसकेएमसीएच में ओपीडी में समय से नही पहुंचे चिकित्सक, हंगामा
एसकेएमसीएच में ओपीडी में समय से नही पहुंचे चिकित्सक, हंगामा

मुजफ्फरपुर। एसकेएमसीएच की ओपीडी में समय से चिकित्सकों के नहींपहुंचने पर मंगलवार को मरीज व उनके परिजन हंगामा करने लगे। बाद में काफी मशक्कत के बाद तैनात कर्मी एवं सुरक्षा गार्ड की पहल पर उन्हें शांत कराया गया।

मरीजों व परिजनों का आरोप था कि ओपीडी में इलाज के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है। कक्ष संख्या-11 की अव्यवस्था से भी मरीज नाराज थे। आरोप था कि कक्ष में नित्य क्रिया से लेकर पीने के पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है। साफ-सफाई का घोर अभाव है। वहां चिकित्सक भी नियमित रूप से उपलब्ध नहीं होते। नर्स से कुछ पूछने पर वह फटकार लगाती है।

इमरजेंसी में दिखाने का मिलता परामर्श : एसकेएमसीएच में भर्ती मरीजों को कॉल भेज कर दूसरे विभाग के चिकित्सक से दिखाने की जगह मरीजों को इमरजेंसी में भेजा जाता है। मंगलवार को कक्ष संख्या-नौ में भर्ती सीतामढ़ी की हितकला देवी (60) को चिकित्सकों ने मेडिसीन विभाग के चिकित्सकों से परामर्श लेने के लिए इमरजेंसी में पर्ची कटा कर दिखाने को कहा। इसके बाद वह ट्रॉली के लिए घंटों परेशान रही। लेकिन नहीं मिलने पर आखिरकार एक कर्मी का सहारा लिया। जबकि चिकित्सक को मेडिसीन विभाग से कॉल करना चाहिए था।

कॉल करने पर भी नहीं पहुंचते चिकित्सक : दूसरे विभाग के चिकित्सक बुलावा पर इलाज को नहीं पहुंचते हैं। इसके कारण अक्सर मरीजों की परेशानी बढ़ी रहती है। पीआइसीयू में भर्ती समस्तीपुर, वारिसनगर के दीपक कुमार (9) की हालत गंभीर बनी हुई है। कई दिनों से शल्य विभाग के चिकित्सकों को देखने के लिए कॉल किया जा रहा है, लेकिन चिकित्सक नही पहुंच रहे हैं। इसी तरह की पीड़ा वैशाली बेलसंड की तान्या कुमारी (1.5) की थी। इस संवाददाता के वहां पहुंचने के बाद बच्ची को आनन-फानन में सीओटी में ले जाया गया।

एसकेएमसीएच के प्रभारी अधीक्षक डॉ. आइडी सिंह ने बताया कि अस्पताल में बेहतर सेवा मिली रही है। लोगों का विश्वास बढ़ा है। मरीजों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इसके अनुपात में अस्पताल काफी छोटा व कर्मी कम पड़ रहे हैं। हालांकि इसके बावजूद अगर किसी मरीज को परेशानी होती है तो शिकायत मिलने पर तहकीकात की जाएगी।

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