Darbhanga : डीएमसीएच के चर्म रोग विभाग में होगी डीएनबी कोर्स की पढ़ाई, होगा पीजी कोर्स के समानांतर

सात दिन पूर्व नेशनल मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया की टीम इस कोर्स की पढ़ाई को लेकर चर्म रोग विभाग का जायजा लेने आई थी। टीम ने रिपोर्ट नेशनल मेडिकल काउंसिल दिल्ली को सौंप दी। टीम की नजर में इस कोर्स की पढ़ाई के लिए चर्म रोग विभाग मानक पर है।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 08:37 AM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 08:37 AM (IST)
Darbhanga : डीएमसीएच के चर्म रोग विभाग में होगी डीएनबी कोर्स की पढ़ाई, होगा पीजी कोर्स के समानांतर
डीएनबी कोर्स में तीन सीटों का हुआ इजाफा ।

दरभंगा, जासं। दरभंगा मेडिकल कालेज, अस्पताल के चर्म रोग विभाग में डिप्लोमा नेशनल बोर्ड (डीएनबी) कोर्स की पढ़ाई होगी। यह पीजी कोर्स के समानांतर होगा। इसमें तीन सीटों का इजाफा होगा। जिन छात्रों को पीजी में नामांकन नहीं मिलेगा, वे दाखिला लेकर विशेषज्ञ चिकित्सक बन सकते हैं। इससे बिहार में चर्म रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों की संख्या बढ़ेगी। इसके अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, जिला अस्पताल और मेडिकल कालेज सह अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी नहीं खलेगी।

सात दिन पूर्व नेशनल मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया की टीम इस कोर्स की पढ़ाई को लेकर चर्म रोग विभाग का जायजा लेने आई थी। टीम ने रिपोर्ट नेशनल मेडिकल काउंसिल दिल्ली को सौंप दी। टीम की नजर में इस कोर्स की पढ़ाई के लिए चर्म रोग विभाग मानक पर है। इस कोर्स की पढ़ाई शुरू होने के बाद यहां के चर्म रोग के क्रिटिकल मरीजों का इलाज डीएमसीएच में ही संभव हो जाएगा। मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. केएन मिश्रा ने बताया कि डीएनबी कोर्स की पढ़ाई अगर यहां शुरू हो जाती है तो यह बिहार का पहला कालेज होगा।

एंटीजन किट कालाबाजारी में आरोपित प्रबंधक का काम लेखापाल के जिम्मे

मुजफ्फरपुर। एंटीजन किट कालाबाजारी मामले में आरोपित होने के बाद फरार चल रहे हास्पिटल मैनेजर प्रवीण कुमार के काम का जिम्मा लेखापाल को दिया गया है। इस बीच पुलिस प्रबंधक की तलाश कर रही है। जानकारों की माने तो वह अपने मोतीझील आवास से लेकर सदर अस्पताल परिसर तक रहकर पूरे मामले को मैनेज करने में जुटा है। कुछ पुलिसकर्मी व विभाग के लोग उसको संरक्षण दे रहे है। सिविल सर्जन डा. विनय कुमार शर्मा ने बताया कि एंटीजन किट कालाबाजारी में फरार चल रहे प्रबंधक का वेतन बंद कर दिया गया है। हाजिरी बनाने पर रोक है। उपाधीक्षक से रिपोर्ट मांगी गई है। राज्य स्वास्थ्य समिति व जिलाधिकारी को प्रबंधक के बारे में लिखित जानकारी उपलब्ध कराने का आदेश उपाधीक्षक को दिया गया है। 10 मई को प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से वह पुलिस की नजर में फरार है।

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