डीएमसीएच के चिकित्सक बाहर से दवा खरीदने को करते मजबूर, सरकारी दवा के लिए मरीज परेशान
डीएमसीएच में दवा बाहर से मंगाने की वजह से मरीजों की परेशानी बढ़ गई। मामले की शिकायत होने पर डीएमसीएच के प्राचार्य ने इसे गंभीरता से लिया। सरकारी दवा मिलने की उम्मीद में जाते हैं ज्यादतर मरीज ।
दरभंगा, जासं। डीएमसीएच के चिकित्सक मरीजों पर बाजार से दवा खरीदने का दबाव डालते हैं, जबकि नियमानुसार उन्हें अस्पताल में ही सरकारी दवा दी जानी चाहिए। हाल के दिनों में यह समस्या सभी वार्डों में भर्ती होनेवाले मरीजों के साथ आ रही है। शुक्रवार को भी इस तरह का एक मामला सामने आया, जिसमें एक चिकित्सक ने मरीज से बाहर से दवा मंगाई।
शिकायत मिलने पर डीएमसीएच के प्राचार्य ने इसे गंभीरता से लिया है। बताया गया कि गायनिक वार्ड में उमाशंकर प्रसाद ङ्क्षसह की पत्नी कुमारी लक्ष्मी कुमारी 10 सितंबर से भर्ती हैं। यहां के एक चिकित्सक ने सादे कागज पर दवा बनाई। पर्ची पर किसी भी यूनिट का हस्ताक्षर नहीं था। पर्ची पर इंजेक्शन टेपो-दो, टी-इरोटेन एसटी, मिकल्स-डी और प्रोटिन डीएनए पाउडर-दो लिखा पाया गया।
जानकार बताते हैं कि इन दवाओं की जगह नामी और ब्रांडेड कंपनियों की दवा बाजार में ऊंचे दाम पर मिलती है। जब लक्ष्मी के स्वजन चिकित्सक के पास दवा बदलने को कहने गए तो उन्हें फटकार लगाई गई। कहा गया कि वह दवा मरीज की जान के लिए जरूरी है। यह तब हो रहा है, जब सरकार ने सालों से प्रोपेगेंडा की दवा लिखने पर पाबंदी लगा दी है। थक हारकर स्वजनों को बाहर से महंगी दवा खरीदनी पड़ी। मामले में डीएमसीएच के प्राचार्य सह प्रभारी अधीक्षक डा. केएन मिश्रा ने बताया कि अस्पताल में हर बीमारी की दवा उपलब्ध है। ब्रांडेड कंपनी की दवा लिखने पर सख्त मनाही है। जांच में शिकायत सही मिलने पर दोषी के खिलाफ कार्रवाई होगी।
बच्चों को धार्मिक के अलावा तकनीकी शिक्षा भी दी जाएगी
दरभंगा। मदरसा अफाकिया के उद्घाटन के मौके पर खानकाह साबरिया रहमानिया शरीफ कालोनी में रविवार की रात जलसे का आयोजन किया गया। इसकी सदारत सूफी हजरत गुलाम मुस्तफा खान साबरी, सज्जादा नशीन खानकाह साबरिया रहमानिया ने की। कहा कि इस मदरसे में धार्मिक के साथ-साथ तकनीकी शिक्षा भी दी जाएगी।
जलसे में बड़ी संख्या में उलेमा और शायरों ने शिरकत की। उलेमाओं ने अपने संबोधन में लोगों को शिक्षा के महत्व के बारे में विस्तृत रूप से समझाया। जलसे को संबोधित करने वालों में मुख्य रूप से नागपुर सेंट्रल सुन्नी बोर्ड के काजी मुफ्ती शमशुज्जमा खान साबरी, शैखुल हदीस ह•ारत, मौलाना अब्दुर रहमान, खानकाह समरकंदिया,मौलाना शब्बीर अश्तर मधुबनी, मौलाना सगीर र•ाा बनारसी, मौलाना फैसल बरकाती शामिल थे। मंच संचालन मौलाना अमन नवा•ा खान और शारिक मुमताज आदि थे।