Bettiah: ऑनलाइन होंगी जीएमसीएच की सारी सुविधाएं, हॉस्पिटल मैनेजमेंट सिस्टम लागू करने की डीएम ने की पहल
बेतिया गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल को नए भवन में शिफ्ट करने के बाद अब वहां की व्यवस्था को भी ठीक करने की पहल भी डीएम कुंदन कुमार ने की है। डिजिटल हाॅस्पिटल मैनेजमेंट सिस्टम तैयार करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गयी है।
बेतिया (पश्चिम चंपारण), जासं। गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल को नए भवन में शिफ्ट करने के बाद अब वहां की व्यवस्था को भी ठीक करने की पहल भी डीएम कुंदन कुमार ने की है। सी-ब्लाॅक में संचालित अस्पताल में मरीजों को बेहतर एवं आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन लगातार प्रयासरत है। डिजिटल तकनीकी के माध्यम से अस्पताल प्रबंधन की पूरी व्यवस्था सुदृढ़ बनायी जा रही है ताकि मरीजों को किसी भी प्रकार की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े। सारी चिकित्सीय एवं अन्य सुविधाएं पूर्ण पारदर्शी तरीके से मुहैया कराई जा सकें।
डिजिटल हाॅस्पिटल मैनेजमेंट सिस्टम तैयार करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गयी है। इसमें अस्पताल में भर्ती समय से लेकर डिस्चार्ज के समय तक मरीजों को सभी व्यवस्थाएं सुव्यस्थित तरीके से मुहैया हो सकेंगी। इलाज के लिए रजिस्ट्रेशन, विशेषज्ञ डाॅक्टर की उपलब्धता, दवा की उपलब्धता, रेडियोलाॅजी एवं पैथोलाॅजी जांच, हाउसकीपिंग , खान-पान की सुविधा व अस्पताल प्रबंधन की अन्य सुविधाएं आन लाइन होंगी।
एप से मिलेगी सुविधा की जानकारी
डीएम कुंदन कुमार ने बताया अस्पताल की सुविधाएं आम मरीजों को मिले, इसकी व्यवस्था हो रही है। बेंगलुरु के साॅफ्टवेयर इंजीनियरर्स से अस्पताल प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए डिजिटल ट्रांसफाॅरमेशन पर काम करने को कहा गया है। साॅफ्टवेयर/एप डेवलप करना है।, जिससे अस्पताल की व्यवस्था चुस्त-दुरूस्त हो सके तथा मरीजों को समुचित चिकित्सीय सुविधा प्रदान की जा सके। उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा दी गयी सुविधा यथा- रजिस्ट्रेशन, समुचित इलाज, डाॅक्टर्स, नर्सेंज, पैरामेडिक स्टाॅफ की उपलब्धता, दवा, जांच, हाउस कीपिंग, खान-पान आदि से संबंधित फीडबैक एप के माध्यम से मरीजों से प्राप्त करने की व्यवस्था भी हो रही है।
उन्होंने बताया कि डिजिटल ट्रांसफाॅरमेशन के तहत मुख्यालय से आने वाली दवा अस्पताल के स्टोर रूम में कब और कितनी मात्रा में पहुंची, वहां से नर्सेज के काउंटर पर कितनी एवं कब गयी तथा नर्सेंज द्वारा डाॅक्टर्स के परामर्श के अनुसार संबंधित मरीजों को कितनी दवा मुहैया करायी गयी, सभी प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल किया जाएगा। यह भी व्यवस्था होगी कि अगर कोई दवा कुछ महीनों में एक्सपाॅयर होने वाली है तो, संबंधित एचओडी के पास इसका मैसेज तुरंत चला जाय और वे एक्सपाॅयर होने से पहले दवा का सदुपयोग कर सकें। साथ ही जो दवा दो-तीन महीने में समाप्त होने वाली है उसका इंडेंट पूर्व में ही कर लिया जाय ताकि अस्पताल में दवा की उपलब्धता शत-प्रतिशत बनी रहे।