डीलरों की मेधा सूची बनाने में जिले में हुई गड़बड़ी, खाद्य मंत्री ने दिए जांच के आदेश

डीलरों की बहाली में शैक्षिक योग्यता को देना था सर्वोच्च प्राथमिकता। शैक्षिक मेधा सूची को नजरअंदाज करने का मामला।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Mon, 19 Nov 2018 03:40 PM (IST) Updated:Mon, 19 Nov 2018 03:40 PM (IST)
डीलरों की मेधा सूची बनाने में जिले में हुई गड़बड़ी, खाद्य मंत्री ने दिए जांच के आदेश
डीलरों की मेधा सूची बनाने में जिले में हुई गड़बड़ी, खाद्य मंत्री ने दिए जांच के आदेश

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। खाद्य सुरक्षा योजना के तहत खाद्यान्न वितरण के लिए लाइसेंस जारी करने में जिले में गड़बड़ी हुई है। इसे सुधारने और मामले की जांच के लिए जिलाधिकारी को आदेश दिए गए हैं। ये जानकारी प्रदेश के खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री मदन सहनी ने रविवार को सर्किट हाउस में दी। उल्लेखनीय है कि जिले में डीलरों की मेधा सूची शुरू से ही विवादों के घेरे में रही। यहां 254 डीलरों के लाइसेंस जारी होने थे। इसके लिए तमाम कवायद के बाद एसडीओ पूर्वी व पश्चिमी से मेरिट लिस्ट बनी थी। इस पर 500 से अधिक आपत्तियां आई थीं। इस पर डीएम ने बीडीओ स्तर से जांच के आदेश दिए थे। इस दौरान 31 डीलरों को लाइसेंस की अनुमति मिली, जिनके आवेदनों को लेकर कोई आपत्ति नहीं आई थी। शेष अभी लंबित हैं।

 मंत्री ने बताया कि सरकार की मंशा डीलरों की बहाली के माध्यम से युवाओं को रोजगार देने की है। राज्य के बाकी जिलों में इसी उद्देश्य का पालन हुआ है। लेकिन, यहां गड़बड़ी हुई है। शैक्षिक योग्यता में अंकों के आधार पर मेरिट लिस्ट नहीं बनाई गई है। जबकि, यही दिशा निर्देश था। आवेदकों ने सिर्फ मैट्रिक या इंटर उत्तीर्ण ही अंकित किया है। इस प्रकार जो मेरिट लिस्ट बनी है, वो गड़बड़ है।

 इसकी जानकारी डीएम को दी गई है और उनसे जांच को कहा है। तब आगे बहाली की प्रक्रिया शुरू की जाए। जिले में भी अंकों के आधार पर मेरिट लिस्ट बननी चाहिए। सरकार के इस मानक पर जिन 31 निर्विवाद आवेदकों को लाइसेंस मिला है, शैक्षिक योग्यता के आधार पर उनकी मेरिट लिस्ट भी सवालों के घेरे में है।  

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