Muzaffarpur Coronavirus Update: जिला अभियंता की कोरोना से मौत, नहीं मिला वेंटिलेटर, तोड़ दिया दम

Muzaffarpur Coronavirus News Update जिला परिषद के जिला अभियंता नागेश्वर मंडल की शनिवार को मौत हो गई। वे कोरोना संक्रमित थे। दो दिनों से थे होम क्वारंटाइन में अचानक तबीयत बिगड़ी। जिला परिषद के चार अन्य कर्मचारी भी कोरोना पॉजिटिव हैं।

By Murari KumarEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 11:14 AM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 11:14 AM (IST)
Muzaffarpur Coronavirus Update: जिला अभियंता की कोरोना से मौत, नहीं मिला वेंटिलेटर, तोड़ दिया दम
मुजफ्फरपुर जिला अभियंता की कोरोना से मौत।

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। जिला परिषद के जिला अभियंता नागेश्वर मंडल की शनिवार को मौत हो गई। वे कोरोना संक्रमित थे। वहीं उनकी मौत के बाद जिला परिषद कार्यालय में हड़कंप मच गया। कार्यालय के चार और कर्मचारी भी संक्रमित पाए गए हैं। उनकी मौत की खबर जैसे ही कार्यालय में पहुंची कर्मचारी वहां से निकल गए।

तीन घंटे में नहीं हो सकी इलाज की व्यवस्था

मालूम हो कि जिला अभियंता दो दिन पहले ही कोरोना संक्रमित हुए थे। वे होम क्वारंटाइन थे। शनिवार को उनकी तबीयत बिगड़ गई। सुबह करीब पौने 10 बजे उन्होंने विधान पार्षद दिनेश प्रसाद ङ्क्षसह को फोन करके सांस लेने में तकलीफ होने की बात कही। विधान पार्षद ने कहा कि उन्होंने सिविल सर्जन से जिला अभियंता के इलाज की व्यवस्था का आग्रह किया। करीब दो घंटे के बाद उनके घर पर एंबुलेंस भेजी गई। वहां से कांटी रोड स्थित ग्लोकल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां वेंटिलेटर उपलब्ध नहीं होने से वे अस्पताल के बाहर एंबुलेंस में ही रहे। इससे उनकी तबीयत और बिगड़ गई। इसके बाद उन्हें एसकेएमसीएच ले जाया गया। यहां भी उन्हें तत्काल भर्ती नहीं कराया जा सका। अंतत: जिला अभियंता ने दम तोड़ दिया।  विधान पार्षद ने कहा कि इस मामले को देखकर लग रहा कि जिले में कोरोना मरीजों के इलाज की पुख्ता व्यवस्था स्वास्थ्य महकमा की तरफ से नहीं है। 

दूसरी ओर प्रशासनिक और जिला परिषद कार्यालय में संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। समाहरणालय परिसर में पहले से एसडीओ पश्चिमी कार्यालय में चार कर्मचारी संक्रमित पाए गए थे। राजस्व प्रशाखा के भी दो कर्मचारी संक्रमित हो गए हैं। इसके अलावा भी अन्य प्रशाखा में कर्मचारी पॉजिटिव हैं। कर्मचारियों का कहना है कि कार्यालय में सैनिटाइजेशन नहीं होता है। वहीं सरकार की 35 फीसद उपस्थिति के आदेश का भी पालन नहीं हो रहा है। इससे कर्मी डरे हुए हैं। 

इस बारे में सिविल सर्जन डॉ. एसके चौधरी ने कहा कि जिला अभियंता की तबीयत बिगडऩे की सूचना पर एंबुलेंस उनके घर भेजी गई थी। वहां से उन्हें ग्लोकल अस्पताल ले जाया गया। वहां वेंटिलेटर नहीं होने से उन्हें एसकेएमसीएच ले जाया गया, लेकिन बचाया नहीं जा सका। पहले से उनका कहां इलाज चल रहा था इसकी जानकारी नहीं है।

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