दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय से संबद्ध सिवान के दयानंद आयुर्वेद कालेज में नामांकन की जांच को गठित कमेटी भंग

मेडिकल कालेज में नियमों के विरुद्ध 29 छात्रों का नामांकन हुआ था। अब विशेषज्ञों की नई कमेटी मामले की करेगी जांच पुराने 20 दिन बीत जाने के बाद अबतक मामले से नहीं उठा पर्दा। विश्वविद्यालय ने 18 सितंबर को पांच सदस्यीय जांच समिति गठित की थी।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sat, 02 Oct 2021 02:13 PM (IST) Updated:Sat, 02 Oct 2021 02:13 PM (IST)
दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय से संबद्ध सिवान के दयानंद आयुर्वेद कालेज में नामांकन की जांच को गठित कमेटी भंग
अब नई जांच कमेटी गठित करने को लेकर विचार किया जा रहा है। फाइल फोटो

दरभंगा, जासं। कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय से संबद्ध दयानंद आयुर्वेद मेडिकल कालेज सिवान में नियमों के विरुद्ध 29 छात्रों का मेडिकल कालेज में नामांकन मामले में गठित जांच कमेटी को कुलपति प्रो. शशिनाथ झा ने भंग कर दिया है। अब पूरे मामले की जांच नई कमेटी करेगी। नई कमेटी बनाने को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है। इस नई कमेटी में विधि से संबंधित विशेषज्ञ समेत अन्य जानकारों को शामिल किया जाएगा। नई कमेटी में प्रतिकुलपति प्रो. सिदार्थ शंकर सिंह के नाम की भी चर्चा तेज है। बता दें दयानंद आयुर्वेद कालेज सिवान में बिना नीट परीक्षा पास सत्र 2019-20 में 29 छात्रों के नामांकन मामले का उजागर प्रतिकुलपति प्रो. सिदार्थ शंकर सिंह ने कुलपति को लिखी 14 सितंबर की चिट्ठी में की थी। इसके बाद विश्वविद्यालय ने 18 सितंबर को पांच सदस्यीय जांच समिति गठित की थी। समिति से सात दिनों में रिपोर्ट मांगी थी। लेकिन 15 दिन बीत जाने के बाद भी समिति के सदस्यों ने जांच प्रतिवेदन समॢपत नहीं किए। पुरानी जांच कमेटी के सदस्यों में राजकीय आयुर्वेद कालेज कदम कुआं पटना के प्राचार्य, भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान मोहनपुर दरभंगा के प्राचार्य, राजकीय आयुर्वेद कालेज कदम कुआं पटना के स्नातकोत्तर विभागाध्यक्ष डा. अजय कुमार सिंह, संस्कृत विवि के डीएसडब्ल्यू प्रो. सुरेश्वर झा, और संयोजक के रूप में उपकुलसचिव प्रथम निशिकांत प्रसाद सिंह को शामिल किया गया था।

हालांकि जांच समिति में शामिल सदस्य राजकीय महारानी रमेश्वरी भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान दरभंगा के प्राचार्य प्रो. दिनेश्वर प्रसाद ने कुलसचिव डा. शिवारंजन चतुर्वेदी को पत्र जारी करते हुए बताया है कि बैचलर ऑफ आयुर्वेद मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएएमएस) कोर्स में षड्यंत्र के तहत 30 दिसंबर 2019 के पूर्व ही 29 छात्रों का अवैध रूप से नामांकन किया गया है। अब अलग से जांच करने की आवश्यकता नहीं प्रतीत होती है।

विजिलेंस से जांच कराने की मांग

बिहार प्रदेश संस्कृत विद्यार्थी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष पंकज कुमार ने प्रेस नोट जारी कर कहा कि आयुर्वेद जैसे चिकित्सा कालेज में में नामांकन की जांच विजिलेंस अथवा किसी सरकारी एजेंसी से कराई जानी चाहिए। जब विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा इसकी जांच कराई जाती है, तो जांच निष्पक्ष होना संभव नहीं प्रतीत होता।

कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय दरभंगा के कुलपति प्रो. शशिनाथ झा ने कहा कि दयानंद आयुर्वेद मेडिकल कालेज मामले में गठित जांच कमेटी को भंग कर दी गई है। अब नई जांच कमेटी गठित करने को लेकर विचार किया जा रहा है। मामले संबंधित सभी पहलुओं पर चर्चा की जा रही है। संबंधित कालेज अपना पक्ष रख रहा है। कमेटी में विधि के जानकार विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा। वहीं दयानंद मेडिकल कालेज सिवान के प्राचार्य डा. प्रजापति त्रिपाठी ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा गठित जांच कमेटी अबतक कालेज नहीं पहुंची है। मुझे जांच पर पूरा भरोसा है। जांच टीम में शामिल सदस्यों को सभी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। 

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