छात्रावास बंद करने के निर्देश पर विवि अधिकारी और छात्र नेता आमने-सामने
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय परिसर में संचालित पीजी छात्रावासों को बंद करने का निर्देश जारी करने के बाद विवि के अधिकारी और छात्र नेता आमने-सामने आ गए हैं।
मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विश्वविद्यालय परिसर में संचालित पीजी छात्रावासों को बंद करने का निर्देश जारी करने के बाद विवि के अधिकारी और छात्र नेता आमने-सामने आ गए हैं। दरअसल कोरोना संक्रमण को देखते हुए विवि और सभी कॉलेजों को बंद करने का निर्देश दिया गया है। जबकि, सरकार की ओर से छात्रावासों को भी बंद करने का निर्देश है। इसी का हवाला देकर एमआइटी समेत अन्य संस्थानों में संचालित छात्रावासों को बंद कर दिया गया है। बुधवार को छात्रावास खुलने की सूचना पर पुलिस और प्रशासन की टीम ने संयुक्त रूप से पीजी गर्ल्स और ब्वायज छात्रावास का निरीक्षण किया था। वहां इक्के-दुक्के छात्र-छात्राएं थे। उन्हें गुरुवार की संध्या तक हर हाल में छात्रावास खाली करने को कहा गया था। गुरुवार की सुबह डीएसडब्ल्यू प्रो.अभय कुमार सिंह ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए डीएम के निर्देश के आलोक में छात्रावासों को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने का पत्र जारी कर दिया। इसके बाद छात्र नेताओं ने इस पत्र का विरोध जताया है। छात्र हिदुस्तानी आवाम मोर्चा के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता सह विश्वविद्यालय अध्यक्ष संकेत मिश्रा ने विवि प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि किसी भी परिस्थिति में छात्र-छात्रा छात्रावास खाली नहीं करेंगे। एक कमरा में एक छात्र कोविड-19 से बचाव के नियमों का पालन करते हुए अपनी पढ़ाई कर रहे हैं। इसमें कोरोना संक्रमण फैलने का कोई खतरा नहीं है। प्रशासन उन्हें जानबूझकर परेशान कर रही है। कहा कि विश्वविद्यालय कैंपस में प्रोफेसर का जो क्वार्टर हैं उसे भी खाली कराया जाए। इसके बाद छात्र छात्रावास खाली करेंगे। परिणाम व अन्य समस्याओं पर भी आकृष्ट कराया ध्यान :
छात्र नेता ने परीक्षा नियंत्रक से कहा कि स्नातक पार्ट थ्री और पार्ट टू के परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी की गई है। छात्रों को जानबूझकर एक समान अंक दिए गए हैं। साथ ही उगाही के लिए आरटीआइ से कॉपी निकलवाने के लिए उकसाया जा रहा है। जबकि विश्वविद्यालय से आरटीआइ से कॉपी मिलती ही नहीं। पिछले दिनों कुलपति से मिलकर पीजी-छह छात्रावास को खाली कराने के लिए कहा था। उस समय कुलपति ने आश्वासन दिया था कि जल्द ही वहां से पुलिस बल को हटाकर शोधार्थियों को सौंपा जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इन तमाम समस्याओं का समाधान शीघ्र नहीं होता है तो कुलपति आवास व विश्वविद्यालय प्रशासन के क्वार्टर में कोविड-19 का पालन करते हुए धरना प्रदर्शन करेंगे। इसकी पूर्ण जिम्मेवारी विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी।