श‍िवहर हादसों में तीन परिवारों पर टूटा विपत्तियों का पहाड़, गांवों में पसरा सन्‍नाटा

Sheohar News अलग-अलग हादसों में गई किसान और मजदूर समेत तीन की जान खार्द-उर्वरक की किल्लत की वजह से सीतामढ़ी के किसान की हादसे में गई जानमजदूरी की मजबूरी ने छीनी दो परिवारों की खुशियां पति दिनेश मांझी की हुई मौत पत्नी शिवसागर देवी के गर्भ में पल रहा शिशु।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 05:32 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 05:32 PM (IST)
श‍िवहर हादसों में तीन परिवारों पर टूटा विपत्तियों का पहाड़, गांवों में पसरा सन्‍नाटा
श‍िवहर में घटना स्‍थल पर जांच पड़़ताल करती पुल‍िस। जागरण

शिवहर {सुनील कुमार गिरि}। जिले में हुए अलग-अलग हादसों में तीन परिवारों पर विपत्तियों का पहाड़ टूट पड़ा। वहीं तीन महिलाओं की मांग के सिंदूर मिट गए। आधा दर्जन बच्चे अनाथ हो गए। वृद्धों को बेटों के शव को कंधा देना पड़ा। खाद-उर्वरक की किल्लत के बीच दो जिलों की सीमा पार कर तीसरे जिले में जाने की मजबूरी ने सीतामढ़ी जिले के परसौनी प्रखंड के सुंदरगामा के किसान रामबली साह फतहपुर के पास हुए हादसे में मौत के शिकार बन गए। उनके साथ आए अन्य किसान भी चोटिल हुए।

घटना की सूचना मिलते ही पहुंचे स्वजनों के क्रंदन से इलाका गमगीन हो रहा था। देर शाम पोस्टमार्टम बाद पुलिस ने शव सौंप दिया। स्वजनों का कहना था कि, काश, गांव शहर में ही उर्वरक उपलब्ध हो जाता तो राम बली की मौत नहीं होती। कुछ इसी तरह मजदूरी की मजबूरी ने शिवहर थाने के खैरमा दर्प वार्ड 11 निवासी मजदूर दिनेश मांझी की जान ले ली। इसी गांव के एक मजदूर की जान बच गई। हालांकि, उसकी चिकित्सा जारी है। जबकि, ट्रैक्टर मालिक सह चालक संतोष साह की मौत से परिवार सदमें में है।

दिनेश की पत्नी हैं गर्भवती, पिता का था इकलौता सहारा

शिवहर : शिवहर थाना के खैरमा दर्प वार्ड 11 निवासी संतोष साह और दिनेश मांझी की मौत के बाद स्वजन बदहवास है। गांव में मातम पसरा है। स्वजनों कें चीत्कार से इलाका दहल रहा है। दिनेश मांझी मजदूरी कर अपने परिवार की परवरिश कर रहा था। परिवार में पत्नी शिव सागर देवी व एक पुत्र है। शिवसागर देवी के गर्भ में बच्चा पल रहा है। दिनेश मांढी की मां की मौत हो चुकी है। पिता वीरेंद्र मांझी का वह इकलौता पुत्र था।

बच्चे के जन्म के पहले ही पिता का साया उठ गया है। पति की मौत की खबर के बाद से ही वह बदहवास है। आसपास के लोग उसे सांत्वना दे रहे है। उधर, संतोष साह की मौत के बाद पत्नी ममता देवी का सहारा छीन और सुहाग दोनों छीन गया है। जबकि, पिता सुरेंद्र साह के बुढापे का लाठी भी टूट गया है। संतोष को दो पुत्र और एक पुत्री है। उसने ट्रैक्टर खरीद रखी थी और खुद चलाकर जीवनयापन करता था। गुरुवार को वह शिवहर स्थित गोदाम से अनाज लेकर मोहारी के लिए निकला था। लेकिन न तो वह डीलर तक पहुंचा और नहीं घर। रास्ते में ही ङ्क्षजदगी का सफर खत्म हो गया। इसके साथ ही दिनेश और संतोष के परिवारों की खुशियों पर भी ब्रेक लग गया।

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