पश्चिम बंगाल चुनाव 2021 में दीदी की पार्टी ने मारी बाजी, मुजफ्फरपुर के नेताजी का बदला सुर

टोपीबाज नेता अभी युवा हैं। मौका देखकर रंग बदलने में माहिर हैं। पहले मानवाधिकार की दुकान चलाते थे। वह नहीं चली तो तथाकथित मोबाइल पत्रकार बन गए। वहां भी दाल नहीं गली तो नेता बन गए। विधानसभा चुनाव से पहले सरकारी पार्टी का झंडा थाम लिया।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 09:22 AM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 09:22 AM (IST)
पश्चिम बंगाल चुनाव 2021 में दीदी की पार्टी ने मारी बाजी, मुजफ्फरपुर के नेताजी का बदला सुर
केंद्र सरकार के मुखिया का मखौल उड़ा रहे हैं। फाइल फोटो

मुजफ्फरपुर, [प्रमोद कुमार]। जब से बंगाल में दीदी की पार्टी की जीत हुई है टोपीबाज नेता ने अपना सुर बदल लिया है। सरकारी पार्टी के नेता होकर भी इंटरनेट मीडिया पर खुलेआम दीदी का गुणगान कर रहे हैैं। इससे फूल वाली पार्टी के नेता नाराज हैं और इसका उसी अंदाज में जवाब दे रहे हैं। टोपीबाज नेता अभी युवा हैं। मौका देखकर रंग बदलने में माहिर हैं। पहले मानवाधिकार की दुकान चलाते थे। वह नहीं चली तो तथाकथित मोबाइल पत्रकार बन गए। वहां भी दाल नहीं गली तो नेता बन गए। विधानसभा चुनाव से पहले सरकारी पार्टी का झंडा थाम लिया। पार्टी के उम्मीदवारों व बड़े नेताओं के चेहरे के साथ अपना चेहरा चिपकाकर इंटरनेट मीडिया पर शेयर किया। उनका चेहरा आगे करके अपना भी चेहरा खूब चमकाया। उनकी चालबाजी से सभी लोग वाकिफ हो गए हैैं। अब वह दीदी का गुणगान कर रहे हैं। केंद्र सरकार के मुखिया का मखौल उड़ा रहे हैं। 

बड़े मियां की राह पर छोटे मियां

छोटे मियां की इधर सक्रियता बढ़ गई है। वह बड़े मियां की राह पर चल रहे हैैं। एक साल पहले बड़े मियां ने कोरोना को मारने के लिए पूरे शहर में दवा का छिड़काव करवाया था। अब छोटे मियां उसी कार्य को कर रहे हंै। वह अपने खर्च पर पूरे शहर में दवा का छिड़काव करा रहे हैं। छोटे मियां की सक्रियता चर्चा में है। वह व्यवसायी हैं, लेकिन राजनीतिक परिवार से आते हैं। बड़े मियां 10 साल तक जनता की सेवा कर चुके हैं, लेकिन जनता ने उनको आगे सेवा का मौका नहीं दिया। अब छोटे मियां उनकी विरासत को आगे ले जाने की तैयारी में हैैं। इसीलिए वे लगातार अपनी सक्रियता बढ़ा रहे हैैं ताकि आने वाले समय में बड़े मियां की तरह उनको भी जनता की सेवा का मौका मिले। छोटे मियां की सक्रियता से बड़े मियां खुश हैैं। उनका व्यवसायी पुत्र उनकी राह पर है।

प्रवचन कर रहे युवा प्रवक्ता

युवा प्रवक्ता का हृदय परिर्वतन हो गया है। इसलिए राजनीति की बात छोड़ धर्म-कर्म की बातें कर रहे हैं। पूजा-पाठ और प्रवचन में विश्वास जता रहे हैं। इंटरनेट मीडिया पर भी वह अपने हृदय परिवर्तन की छाप छोड़ रहे हैैं। उनका बदला रूप चर्चा में है। युवा प्रवक्ता देश की सबसे बड़ी पार्टी से जुड़े हंै। मीडिया से बेहतर समन्वय होने से लंबे समय से इस कुर्सी पर बने हैं, लेकिन वह पिछले छह माह से गायब हैैं। पार्टी की जगह मंदिरों में दिखाई पड़ते हैं। लोगों को राजनीति का पाठ पढ़ा रहे हैं। उनके हृदय परिवर्तन के पीछे राजनीति है। अभी तक वे पार्टी नेताओं का चेहरा चमका रहे थे, लेकिन अब अपनी अलग पहचान बनाना चाहते हैैं। स्वयं बड़ा नेता बनना चाहते हैैं। इसलिए उन्होंने अपना यह रूप धारण किया है। उनको अब एक राजनीतिक आका की जरूरत है।

शहरवासियों का ज्ञान माप रहे ऑक्सीजन बाबा

कोरोना के कहर के बीच ऑक्सीजन बाबा शहरवासियों का ज्ञान माप रहे हैं। इसके लिए उन्होंने ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित कर रखी है। वे हर दिन एक सवाल करके शहरवासियों से जवाब मांगते हैैं। लोग इसमें रुचि ले रहे हंै। ऑक्सीजन बाबा का यह प्रयास कोरोना माई से सहमे शहर को ऊर्जा प्रदान कर रहा है। ऑक्सीजन बाबा युवा समाजसेवी हैं। संकट की घड़ी में जहां तक संभव हो लोगों को ऑक्सीजन की मदद उपलब्ध करा रहे हंै। शहर को तनाव में देख वह कुछ ऐसा करना चाहते थे कि लॉकडाउन से घरों में कैद लोगों के मन को बदला जाए। ऑक्सीजन बाबा ने प्रतियोगिता में विजेताओं को पुरस्कृत करने की घोषणा भी कर रखी है। उनका यह प्रयास लोगों को रास आ रहा है और वे इसमें बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं। इंटरनेट मीडिया पर उनको सराहना मिल रही है।  

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