क्या आपने महसूस किया, पार्लर-सैलून वाले कोरोना सुरक्षा उपाय के नाम पर काट रहे आपकी जेब
सेवा प्रदाता संस्थान ने सुरक्षा उपायों की व्यवस्था की है। इस पर उनको अतिरिक्त राशि खर्च करनी पड़ रही है। लेकिन इस खर्च को वे अपने मुनाफे से नहीं बल्कि ग्राहकों से वसूल रहे हैं।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। कोरोना काल में सेवा की बढ़ती कीमतों से ग्राहकों की जेब हल्की हो रही है। महंगाई बढ़ने के कारण रोजमर्रा में आने वाली वस्तुओं की कीमत तो बढ़ी ही है सेवा मूल्यों मे भी बढ़ोतरी हुई है। सेवा उपलब्ध करने वाले लोग एवं संस्थान कोरोना वायरस के संक्रमण से न सिर्फ अपने आपको सुरक्षित रखने के लिए बल्कि ग्राहकों को भी संक्रमण से बचने के लिए सुरक्षा इंतजामों पर ध्यान दे रहे है। दुकानों एवं संस्थानों को लगातार सैनिटाइज कर रहे हैं। मास्क के लेकर सैनिटाइजर तक उपलब्ध करा रहे हैं।
ग्राहकों के खाते से वसूल रहे
अन्य सुरक्षा उपायों की व्यवस्था की है। इस पर उनको अतिरिक्त राशि खर्च करनी पड़ रही है। लेकिन इस खर्च को वे अपने मुनाफे से नहीं बल्कि सेवा शुल्क में वृद्धि कर ग्राहकों के खाते से वसूल रहे हैं। स्थानीय स्तर पर सैलून और पार्लर चलाने वालों ने सुरक्षा इंतजामों के नाम पर सेवा शुल्क अन्य दिनों की तुलना में बढ़ा दिया है। अखाड़ाघाट में सैलून चलाने वाले राजेश ठाकुर का कहना है कि उन्होंने दाढ़ी एवं बाल बनाने के शुल्क में 10 से 25 रुपये तक की वृद्धि की हैै। वहीं एक ब्रांडेड पार्लर की संचालिका मौसमी राज ने कहा कि कोरोना के कारण हर ग्राहक के लिए नया तौलिया एवं ब्रश का इस्तेमाल करना पर रहा है। एक ग्राहक के जाने के बाद कुर्सी समेत सभी उपकरणों को सैनिटाइज करना पड़ता है। इस पर होने वाला खर्च ग्राहकों से लिया जा रहा है। निजी चिकित्सकों द्वारा भी मरीजों से सुरक्षा इंतजामों पर होने वाला खर्च अलग से वसूल किया जा रहा है।
सामानों की अधिक कीमत वसूल रहे मैकेनिक
कोरोना काल में तकनीकी सेवा उपलब्ध कराने वाल मैकेनिकों ने न सिर्फ अपने सेवा शुल्क बढ़ा दिए है बल्कि ग्राहकों के बाजार नहीं जाने की मजबूरी का फायदा उठाकर मरम्मत में आने वाले उपकरणों की अधिक कीमत वसूल रहे हैं। इस प्रकार सैनिटरी फिटिंग्स, एसी, फ्रिज, इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्राॅनिक उपकरण, मोबाइल, लैपटाॅप आदि की मरम्मत के नाम पर ग्राहकों से अतिरिक कमाई कर रहे हैं। बीबीगंज निवासी संजय कुमार बताते हैं कि उनका मोटर खराब हो गया था। मैकेनिक को कॉल कर बुलया। उसने काम करने के बाद सात सौ रुपये सेवा शुल्क लिया। कोरोना काल से पूर्व उसकी कार्य के लिए पांच सौ रुपये लेता था। इतना ही नहीं उसने मरम्मत में जिन समानों का उपयोग किया उसका भी अधिक दाम लिया। यही कहानी अखाड़ाघाट रोड निवासी विजय कुमार एवं जूरन छपरा निवासी राजीव कुमार ने बताया। संजीव कुमार ने कहा कि संक्रमण के डर से अधिकांश लोग बाजार जाने से कतरा रहे हैं। वे मैकेनिक को घर बुलाकर काम करवा रहे हैं। जरूरी समान भी उसे ही लेकर आने को कह रहे हैं। मैकेनिक लोगों की इसी मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं। वहीं टीवी मैकेनिक राम विलास सहनी का कहना है कि ऐसी बात नहीं। महंगाई बढ़ने से उनकों भी परेशानी हुई है। इसलिए सेवा शुल्क में मामूली वृद्धि पचास से सौ रुपये का किया है।