मोतिहारी के सदर अस्पताल में बहाल हुई डायलिसिस की सुविधा

निशुल्क सेवा के लिए एपीएल और बीपीएल कार्डधारी होना जरूरी।बिना कार्डधारकों को देना होगा मात्र 1634 रुपये। सैकड़ों की संख्या में मरीज अपनी किडनी की समस्या के समाधान के लिए अस्पताल आ रहे हैं और डायलिसिस की सुविधाएं ले रहे हैं।

By Ajit kumarEdited By: Publish:Wed, 13 Jan 2021 10:05 AM (IST) Updated:Wed, 13 Jan 2021 10:05 AM (IST)
मोतिहारी के सदर अस्पताल में बहाल हुई डायलिसिस की सुविधा
मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। फोटो : जागरण

पूर्वी चंपारण, जासं। मोतिहारी के सदर अस्पताल में अब डायलिसिस की सुविधाएं भी उपलब्ध हो चुकी है। सैकड़ों की संख्या में मरीज अपनी किडनी की समस्या के समाधान के लिए अस्पताल आ रहे हैं और डायलिसिस की सुविधाएं ले रहे हैं। इससे उन्हें किडनी की समस्या से निजात एवं जीवनदान मिल रहा है। यह कहना है डायलिसिस प्रभारी नित्यानंद पांडेय एवं डॉ. विपिन कुमार का। उन्होंने कहा कि मरीजों को यहां पर बेहतर सेवा सुलभ है। यही वजह है कि मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।

एपीएल, बीपीएल व राशन कार्ड वालों को फ्री सेवा

डॉ विपिन ने बताया कि यहां प्रतिदिन पीपीपी प्रोजेक्ट चालू है। सदर अस्पताल फ्री डायलिसिस और पेड डायलिसिस दोनों सुविधाएं दी जाती हैं। जिनके पास एपीएल, बीपीएल कार्ड, राशन कार्ड उपलब्ध हैं, उनके लिए सदर अस्पताल में सरकार द्वारा फ्री सेवा उपलब्ध है। वहीं अन्य लोगों के लिए मात्र 1634 रुपये में डायलिसिस की सेवा उपलब्ध है। बताया कि महीने में यहां 150 मरीजों तक की डायलिसिस सुविधा उपलब्ध हो पा रही है। यहां ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के लोग आते हैं। जांच रिपोर्ट के आधार पर यह सुविधा उनको प्रदान की जाती है। उससे पहले मरीज का रजिस्ट्रेशन किया जाता है। इसके बाद उनका ब्लड ग्रुप एवं अनेक प्रकार की जांच की जाती है।

फिर डायलिसिस की सुविधा उनको दी जाती हैं। किडनी का काम है ब्लड को फिल्टर करना एवं शरीर के टॉक्सिन को पेशाब से निकालना। जिनको यह समस्या है उनके शरीर में टॉक्सिन पेशाब से बाहर नहीं निकल पाता है। अंदर ही रह जाता है जिसके कारण किडनी में समस्याएं आती हैं। उसे ही मशीन द्वारा ठीक करके डायलिसिस करके बाहर निकाला जाता है। जिसके बाद मरीज अपने आप को स्वस्थ महसूस करता है। परंतु उस मरीज को रोग के अनुसार महीने में तीन या चार बार डायलिसिस करानी पड़ती है। डायलिसिस की सुविधाएं पूर्वी चंपारण के सदर अस्पताल में प्रतिदिन उपलब्ध हैं। डाॅ.विपिन ने बताया कि नॉर्मल सीकेडी का पोजीशन स्टेज 5 में आता है। जिन मरीजों का यूरिया सरप्लस 120 से ज्यादा होता है। देखा जाता है कि इलाज के बाद मरीजों की यह रिपोर्ट 4 के करीब तक पहुंच जाती है। वहीं क्रिएटनीन का लेवल 0.62 से बढ़कर 8 प्लस तक पहुंच जाता है। वैसे लोगों को डायलिसिस आवश्यक हो जाता है। डायलिसिस नहीं देने पर मरीज को भूख नहीं लगती ,सांस लेने में दिक्कत होती है, पैर हाथ में सूजन हो जाता है, ऐसे मरीजों को डायलिसिस की आवश्यकता होती है। ब्लड की कमी हो जाती है जिसे बार-बार हीमोग्लोबिन भी चढ़ाने की आवश्यकता पड़ सकती है।

आयरन व सुक्रोज इंजेक्शन की भी सुविधा

मोतिहारी अस्पताल के इस केंद्र पर डायलिसिस के कई जरूरी इंजेक्शन के साथ ही आयरन सुक्रोज इंजेक्शन दी जाती है। यह रोग ब्लड शुगर के कंट्रोल नहीं होने के कारण, बीपी हाई होने के कारण, हाइपरटेंशन होने के कारण किडनी की समस्याएं होती हैं।

ये करें उपाय :

- मरीज को ब्लड शुगर की नियमित जांच कराते रहना चाहिए।

- बीपी को कंट्रोल करना चाहिए क्योंकि 80 परसेंट डायलिसिस वाले मरीज ब्लड शुगर और हाइपरटेंशन के ही होते हैं।

- अपने डॉक्टर से मिलकर बराबर जांच कराएं।

- अपनी बीमारी को हल्के में ना लें।

- संतुलित आहार लिया जाए, व्यायाम, व चहलकदमी कर किडनी फेल्योर से बच सकते हैं।

कोरोना काल में इन उचित व्यवहारों का करें पालन

- एल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का प्रयोग करें।

- सार्वजनिक जगहों पर हमेशा फेस कवर या मास्क पहनें।

- अपने हाथ को साबुन व पानी से लगातार धोएं।

- आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें।

- छींकते या खांसते वक्त मुंह को रूमाल से ढकें। 

chat bot
आपका साथी