तीन फेज में बाढ़-बारिश से तबाही, जितना नुकसान उतने का पूरा मुआवजा

सीतामढ़ी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर सीतामढ़ी जिले में बाढ़/अतिवृष्टि एवं अ

By JagranEdited By: Publish:Wed, 15 Sep 2021 07:29 PM (IST) Updated:Wed, 15 Sep 2021 07:29 PM (IST)
तीन फेज में बाढ़-बारिश से तबाही, जितना नुकसान उतने का पूरा मुआवजा
तीन फेज में बाढ़-बारिश से तबाही, जितना नुकसान उतने का पूरा मुआवजा

सीतामढ़ी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर सीतामढ़ी जिले में बाढ़/अतिवृष्टि एवं अन्य आपदा से उत्पन्न स्थिति को लेकर समीक्षा करने आए प्रभारी मंत्री सह अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मंत्री जमा खान ने बुधवार को जिला प्रशासन के अधिकारियों व सांसद-विधायक, विधान पार्षद के साथ बैठक कर जानकारी जुटाई। डीएम सुनील कुमार यादव व पुलिस कप्तान हरकिशोर राय भी मौजूद थे। मंत्री ने बाढ़ राहत कार्यो, फसल क्षतिपूर्ति, वैकल्पिक फसल योजना की भी समीक्षा की। मुख्यमंत्री के अंदाज में उन्होंने कहा कि राज्य के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है। उनको ससमय राहत पहुंचाना है। अफसरों को इसे गंभीरता से लेना है। शिथिलता एवं लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मंत्री ने यह भी कि जनप्रतिनिधियों के प्राप्त सुझाव एवं फीडबैक के आलोक में संबधित क्षेत्रों में जांच टीम जाकर पूरी गंभीरता के साथ जांच कार्य करेगी। मकसद साफ है कि एक भी पात्र लाभुक राहत के लाभ से वंचित नहीं रहने पाए। संपूर्ण जिले को बाढ़ प्रभावित मानने के सवाल पर मंत्री ने खुद से तो कुछ घोषणा नहीं की, लेकिन जो कहा उससे स्पष्ट हुआ कि प्रभावित क्षेत्रों के पात्र लाभुकों को ही आपदा राहत राशि उपलब्ध हो सकेगी। दूसरी ओर, अधिकारियों द्वारा लोगों का फोन रिसीव नहीं करने की आम शिकायतों पर सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा। यह कहकर निकल गए कि पदाधिकारियों को जनप्रतिनिधियों का फोन उठाना चाहिए। अगर किसी कारण से फोन नहीं उठा पाते हैं, तो निश्चित रूप से कॉल बैक करें। इस बैठक में सीतामढ़ी विधायक मिथलेश कुमार, बथनाहा के विधायक अनिल कुमार राम, बाजपट्टी के मुकेश कुमार यादव, सुरसंड के दिलीप राय, बेलसंड के संजय कुमार गुप्ता, रुन्नीसैदपुर के पंकज कुमार मिश्रा, विधान पार्षद रामेश्वर महतो मौजूद थे। 25801 व्यक्तियों को कम्युनिटी किचन में भोजन व 14713 को पॉलीथिन सीट बांटा गया जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में मुख्यत: तीन चरणों में बाढ़ एवं अतिवृष्टि का प्रभाव पड़ा है। जिसमें पूरी तत्परता के साथ जिला प्रशासन द्वारा कई तरह से राहत कार्य किए गए। राहत एवं बचाव कार्य के तहत डुमरा प्रखंड की मेहसौल पश्चिम पंचायत में चार जुलाई से 10 जुलाई तक, सोनबरसा की मधेसरा पंचायत में आठ जुलाई से 11 जुलाई तक, परिहार के लहरिया में 29 अगस्त से 11 सितंबर तक तथा सुप्पी की बरहरवा पंचायत में दो सितंबर से 12 सितंबर तक कम्युनिटी किचन चलाया गया। जिसमें कुल 25,801 लोगों ने भोजन किया। विभिन्न प्रखंडों में 14713 व्यक्तियों के बीच पॉलीथिन सीट भी बांटा गया। फसल क्षति के आकलन को लेकर कृषि विभाग एवं जिला प्रशासन की टीम के द्वारा संयुक्त रूप से जांच की जा रही है। कई जगहों से रिपोर्ट भी प्राप्त हुई है। परंतु कई प्रखंडों में जलजमाव के कारण जांच कार्य ठीक ढंग से संपादित नहीं हुआ है। संबंधित प्रखंडों में पुन: जांच टीम भेजी जा रही है। बाढ़ से क्षतिग्रस्त 22 पुलों की मरम्मत करा चुका विभाग

जिलाधिकारी ने कहा कि पथ प्रमंडल द्वारा बाढ़ से प्रभावित पथों एवं पुलों की मरम्मत का कार्य किया जा रहा है। अभी तक कुल 22 पुलों की मरम्मत की जा चुकी है। जिसमें मुख्य रूप से सीतामढ़ी-बाजपट्टी-पुपरी पथ तथा बाजपट्टी-कुम्मा पथ भी शामिल है। डुमरा में कैलाशपुरी में मेन डायवर्सन पर कार्य हो रहा है। इसे एक बार बनाया गया था, जो अत्यधिक जलबहाव में बह गया।

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