कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट को लेकर विभाग अलर्ट, 21 नमूनों को जांच के लिए भेजा भुवनेश्वर

एसकेएमसीएच के प्राचार्य डा.विकास कुमार के मुताबिक कोरोना के नए वेरिएंट को जानने के लिए नमूनों को भुवनेश्वर लैब में जीनोम सिक्वेसिंग जांच के लिए भेजा जा रहा है। हालांकि अभी तक जिले में डेल्टा प्लस वेरिएंट का कोई मामला सामने नहीं आया है लेकिन सतर्कता बरती जा रही है।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sun, 11 Jul 2021 10:39 AM (IST) Updated:Sun, 11 Jul 2021 10:39 AM (IST)
कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट को लेकर विभाग अलर्ट, 21 नमूनों को जांच के लिए भेजा भुवनेश्वर
ट्रेन और हवाई यात्रा या विदेश से आने वालों के लिए जा रहे नमूने।

मुजफ्फरपुर, जासं। डेल्टा प्लस को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है। जिले में 21 नमूनों को संग्रहित कर जांच के लिए भुवनेश्वर भेजा गया है। एसकेएमसीएच के प्राचार्य डा.विकास कुमार के मुताबिक कोरोना के नए वेरिएंट को जानने के लिए नमूनों को भुवनेश्वर लैब में जीनोम सिक्वेसिंग जांच के लिए भेजा जा रहा है। हालांकि अभी तक जिले में डेल्टा प्लस वेरिएंट का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन सतर्कता बरती जा रही है। उन्होंने कहा कि पहले 21 नमूनों को भेजा गया है। सप्ताह में पांच नमूनों को नियमित किया जाएगा। 

डेल्टा प्लस के मुख्य लक्षण

विशेषज्ञ चिकित्सक एके दास ने कहा कि डेल्टा प्लस के सामान्य लक्षणों में सूखी खांसी, बुखार व थकान हैैं। वहीं सीने में दर्द, सांस फूलना या सांस लेने में तकलीफ, त्वचा पर चकत्ते, पैर की अंगुलियों के रंग में बदलाव होना, गले में खरास, स्वाद व गंध की हानि, दस्त और सिरदर्द आदि लक्षण भी हैैं। अगर ऐसे लक्षण दिखाई दें तो जांच अवश्य कराएं।  

वैक्सीन खत्म, सिविल सर्जन कार्यालय पर हंगामा

जासं, मुजफ्फरपुर : कोरोना वैक्सीन खत्म होने पर टीका लगवाने के इंतजार में कतार में खड़े लोगों ने सदर अस्पताल परिसर और सीएस कार्यालय पर हंगामा किया। बालूघाट के निर्मल कुमार ने कहा कि सुबह नौ बजे लाइन में निबंधन के लिए लगे। दोपहर एक बजे कह दिया गया कि वैक्सीन खत्म हो गई है। व्यवस्था पर नाराजगी जताते हुए इसी तरह की बातें वहां अन्य लोगों ने भी कहीं। सुरक्षाकर्मियों ने जब हंगामा कर रहे लोगों को समझाने की कोशिश की तो उसके साथ भी धक्का-मुक्की की गई। इसके बाद सभी सिविल सर्जन कार्यालय पहुंच गए और वहां हंगामा किया। उनका कहना था कि जितनी वैक्सीन थी उतने लोगों का ही निबंधन कराया जाता।

दो हजार ही थी डोज

जिले में वैक्सीन नहीं आने से शनिवार को सदर अस्पताल व एसकेएमसीएच में ही टीकाकरण के लिए केंद्र चलाए गए। सदर अस्पताल में दो हजार डोज ही बची थी। वहीं, एसकेएमसीएच में तीन हजार से अधिक डोज थी। ऐसे में सदर अस्पताल में दूसरी डोज वालों को पहले टीका लगाया गया। कुछ लोगों को पहली डोज भी दी गई, लेकिन वैक्सीन कम होने से परेशानी रही।

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