जम्मू से भी आई मांग, अब मुजफ्फरपुर से भेजे जाएंगे शाही लीची के पौधे

लीची का चयन होने पर बढ़ रहा दायरा लंदन की तरह दूसरे देश में जाए शाही लीची इसकी कवायद तेज कर दी गई है। तीन हजार पौधे मांगे गए जम्मू सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश के किसानों ने चार हजार पौधे के लिए दिया आर्डर।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sun, 21 Nov 2021 08:38 AM (IST) Updated:Sun, 21 Nov 2021 08:38 AM (IST)
जम्मू से भी आई मांग, अब मुजफ्फरपुर से भेजे जाएंगे शाही लीची के पौधे
राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र निर्यात बढ़ाने, प्रशिक्षण व प्रसार पर दे रहा बल। फाइल फोटो

मुजफ्फरपुर, [अमरेंद्र तिवारी]। वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट के तहत शाही लीची का चयन किया गया है। इसके साथ ही इसका दायरा बढ़ रहा है। जम्मू सरकार की ओर से लीची पौधे की मांग आई है। राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र के निदेशक डा.एसडी पांडेय ने बताया कि लीची के चयन के बाद इसके प्रसार को गति मिल रही है। जियो टैग मिला। इस बार विदेश लंदन लीची भेजी गई। आगे लक्ष्य है कि पूरे देश में इसका प्रसार, किसानों को प्रशिक्षण व निर्यात नेटवर्क मजबूत करना। देश से बाहर जब लीची जाएगी तो किसानों की हालत मजबूत होगी। इसके लिए कृषि विभाग, राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड व अन्य संस्था से संपर्क किया जा रहा है।

40 हजार पौधे तैयार, 50 हजार का लक्ष्य

राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र की पौधशाला में 40 हजार लीची के पौधे तैयार हो गए हैं। फरवरी तक 50 हजार तैयार करने का लक्ष्य है। पौधे तैयार होने पर अगले साल फरवरी से सितंबर व अक्टूबर तक इनकी बिक्री होगी।

इन जगहों से आए पौधे के आर्डर

लीची अनुसंधान केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, जम्मू सरकार की ओर से तीन हजार पौधे, उत्तर प्रदेश के सीतापुर, लखीमपुर, मुजफ्फरनगर व कुशीनगर से चार हजार पौधों के लिए किसानों ने आर्डर दिए हैं। आइसीआर से जुड़ी एनिमल साइंस इंस्टीट्यूट बरेली ने अपने परिसर के लिए तीन हजार पौधे की मांग की है।

ये चल रही पहल

- इस साल अब तक 800 किसानों को प्रशिक्षण दिया गया है। सौ से डेढ़ सौ किसान की प्रतिमाह मोबाइल पर काल आती है। सबको जागरूक किया जा रहा है।

- राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र की विकसित लीची की तीन प्रजातियां गंडकी योगिता, गंडकी लालिमा और गंडकी संपदा को देश के हर स्थान पर भेजा जा रहा है।

लीची का ये है रकबा

बिहार में 32 से 34 हजार हेक्टेयर में लीची का रकबा है। इसमें मुजफ्फरपुर में 10 से 12 हजार हेक्टेयर में लीची की खेती होती है।  

chat bot
आपका साथी