East Champaran: बार्डर खोलने का दूसरी बार निर्णय, फिर भी भारत-नेपाल सीमा बंद

East Champaran तीन दिन पहले नेपाल सरकार ने सीमा को खोलने का लिया है निर्णय बार्डर नहीं खुलने से सबसे ज्यादा नुकसान व्यवसायियों को कोरोना संक्रमण फैलने की वजह से बंद क‍िया गया था भारत-नेपाल सीमा ।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 10:08 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 10:10 PM (IST)
East Champaran: बार्डर खोलने का दूसरी बार निर्णय, फिर भी भारत-नेपाल सीमा बंद
भारत-नेपाल सीमा बंद होने की वजह से व्‍यवसाय प्रभाव‍ित।

रक्सौल, {विजय कुमार गिरि}।  कोरोना के चलते पिछले 18 माह से भारत-नेपाल सीमा बंद है। भारत ने तो अपनी ओर से सीमा खोल दी है, लेकिन नेपाल की ओर से प्रतिबंध जारी है। बीते पांच महीने में दूसरी बार तीन दिन पहले नेपाल सरकार ने सीमा खोलने का निर्णय लिया, लेकिन खोला नहीं गया। इससे नेपाल से सटे रक्सौल, मधुबनी, सीतामढ़ी और बेतिया से लगी भारतीय सीमा में संशय की स्थिति है।

18 महीनों में रक्सौल में 15 करोड़ का कारोबार प्रभावित 

बार्डर पर सकारात्मक पहल नहीं होने से व्यापारी परेशान हैं। रक्सौल के व्यवसायी आशीष रूंगटा का कहना है कि 18 महीने मेें कम से कम 15 करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ है। दशहरा, रक्षाबंधन, सावन, होली जैसे पर्व भी ऐसे ही निकल गए। नेपाल में तीज पर्व का खास महत्व है। इसकी वजह से केवल रक्सौल में करीब पांच करोड़ का कारोबार होता था, लेकिन पिछले दो साल से यह एक से सवा करोड़ पर सिमट गया है। रक्षाबंधन पर राखी, मिठाई व कपड़े का 20 से 25 लाख तक का कारोबार 10 से 12 लाख पर सिमट गया।

पश्चिम चंपारण के सिकटा के व्यापारी धर्मेंद्र प्रसाद का कहना है कि व्यापार पूरी तरह से प्रभावित है। नेपाल को भी प्रतिमाह सिर्फ सिकटा-भिस्वा बार्डर पर लाखों की क्षति है। भिस्वा के व्यापारी राजीव थापा का कहना है कि बार्डर पर वाहनों की आवाजाही बंद होने से व्यापार प्रभावित है। यही हाल वाल्मीकिनगर, सीतामढ़ी और मधुबनी के बाजार में भी है।

बेहतर माहौल की उम्मीद में लोग 

दोनों देशों के बीच रोटी-बेटी का संबंध है। व्यापार से लेकर तीज-त्योहार और शादी-ब्याह सब प्रभावित हो रहे हैं। इससे आम लोगों में भी नाराजगी है। मधुबनी के जयनगर बाजार के कपड़ा व्यवसायी अरुण जैन ने बताया कि नेपाल में सत्ता परिवर्तन के बाद से ही हमलोग बेहतर माहौल की उम्मीद लगाए बैठे हैं। जयनगर चैंबर आफ कामर्स के महासचिव अनिल बैरोलिया व सचिव पवन यादव ने कहा कि दोनों देशों के बीच वैवाहिक और व्यापारिक रिश्तों को मजबूत करने के लिए सीमा पर सामान्य गतिविधि जरूरी है।

नेपाल के पर्सा जिलाधिकारी पितंबर धिमरे ने बताया कि इंटरनेट मीडिया और समाचार पत्रों से बार्डर खोलने के निर्णय की जानकारी मिली है। अधिकृत रूप से सरकार का पत्र नहीं मिला है। पत्र या मेल मिलते ही बार्डर खोल दिया जाएगा।

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