नगर निगम में अब होगी कुर्सी के लिए ताकत की आजमाइश

नगर निगम का अगला महापौर कौन होगा? सुरेश कुमार के हटने के बाद खाली कुर्सी पर कौन बैठेगा? इसको लेकर अब नगर निगम में ताकत की आजमाइश होगी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 02:09 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 02:09 AM (IST)
नगर निगम में अब होगी कुर्सी के लिए ताकत की आजमाइश
नगर निगम में अब होगी कुर्सी के लिए ताकत की आजमाइश

मुजफ्फरपुर : नगर निगम का अगला महापौर कौन होगा? सुरेश कुमार के हटने के बाद खाली कुर्सी पर कौन बैठेगा? इसको लेकर अब नगर निगम में ताकत की आजमाइश होगी। एक ओर वार्ड 46 के पार्षद नंद कुमार प्रसाद साह हैं तो दूसरी तरफ वार्ड तीन के पार्षद राकेश कुमार। दोनों पहले निवर्तमान महापौर सुरेश कुमार से पराजित हो चुके हैं। सुरेश कुमार ने वर्ष 2017 में नंद कुमार प्रसाद साह को महज एक वोट से हटाया था। जबकि वर्ष 2019 में राकेश कुमार को मात देकर फिर से अपनी कुर्सी हासिल की थी। सुरेश कुमार अब स्वयं मैदान में नहीं उतरेंगे। वे इस बार नंद कुमार प्रसाद साह के साथ हैं। राकेश कुमार के साथ उपमहापौर मानर्मदन शुक्ला खड़े हैं। राकेश कुमार को निगम के पूर्व किंगमेकर का साथ मिल रहा है। उपमहापौर एवं महापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के परिणाम का दोनों खेमा आकलन कर रहा है। इसके आधार पर नई रणनीति बनाकर आगे बढ़ रहे हैं। नए सिरे से पार्षदों की सूची तैयार कर उनको अपने पक्ष में लामबंद करने की कोशिश हो रही है। दोनों खेमों के महारथी रात में रणनीति बना रहे हैं और दिन में चाय-पानी के बहाने पार्षदों को अपने पक्ष में करने के लिए सब्जबाग दिखा रहे हैं। महापौर विरोधी खेमे ने अविश्वास प्रस्ताव के दौरान अपनी ताकत दिखा दी है। महापौर चुनाव के समय अपनी एकजुटता बरकरार रख पाएंगे या नहीं, यह समय बताएगा। वर्ष 2019 में भी महापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव में एकजुटता दिखाने वाले पार्षद चुनाव में बिखर गए थे। इस बार ऐसा नहीं हो, इसलिए राकेश कुमार एवं उनकी टीम पूरी ताकत से अपनी एकजुटता बनाए रखने में लगी हुई है। नंद कुमार प्रसाद साह विरोधी खेमा के पार्षदों को अपने पक्ष में करने के लिए निशाना साध रहे हैं।

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राज्य निर्वाचन आयोग को भेजी जा चुकी है जानकारी

अविश्वास प्रस्ताव हारने के बाद महापौर सुरेश कुमार कुर्सी छोड़ चुके हैं। ऐसे में महापौर का चुनाव होना है। नगर आयुक्त इस संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग को सूचित कर चुके हैं। अब सबकी नजर राज्य निर्वाचन आयोग पर है। राज्य निर्वाचन आयोग की हरी झंडी मिलते ही महापौर का चुनाव होगा।

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