गलती आपूर्ति विभाग की, डीलर होते कोपभाजन का शिकार

सात सूत्री मांगों को लेकर फेयर प्राइस डीलर्स एसोसिएशन ने समाहरणालय में जिला महासचिव देवन रजक के नेतृत्व में प्रदर्शन किया। साथ ही धरना भी दिया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 03 Jul 2021 03:31 AM (IST) Updated:Sat, 03 Jul 2021 03:31 AM (IST)
गलती आपूर्ति विभाग की, डीलर होते कोपभाजन का शिकार
गलती आपूर्ति विभाग की, डीलर होते कोपभाजन का शिकार

मुजफ्फरपुर : सात सूत्री मांगों को लेकर फेयर प्राइस डीलर्स एसोसिएशन ने समाहरणालय में जिला महासचिव देवन रजक के नेतृत्व में प्रदर्शन किया। साथ ही धरना भी दिया। संबोधित करते हुए रजक ने कहा कि विभाग की गलती का खामियाजा डीलरों को भुगतना पड़ता है। मई एवं जून के आवंटन के अनुसार पीएम गरीब कल्याण अनन्य योजना के खाद्यान्न आवंटन विभाग ने नहीं किया। कई विक्रेताओं का आवंटन मूल से 40 से 60 फीसद कम तो कई का शून्य किया गया। सुधार के आग्रह पर जून में अतिरिक्त आवंटन का वादा किया गया, मगर यह नहीं हो पाया। इस कारण विक्रेताओं को उपभोक्ता का कोपभाजन होना पड़ रहा है। वहीं जो चावल खाद्य निगम दे रहा है, वह खाने योग्य नहीं है। इस कारण उपभोक्ता चावल के बदले गेहूं मांगते हैं। नहीं देने पर वे गाली-गलौज करते हैं। इस समस्या के निदान के साथ अन्य मांगों पर ध्यान देने के लिए डीएम को ज्ञापन दिया गया। अध्यक्षता वरिष्ठ उपाध्यक्ष हीरा लाल प्रसाद यादव और संचालन संजय पासवान ने किया। इसमें महेश प्रसाद यादव, रामबाबू पटेल, रामा शंकर सिंह, मनोज कुमार बैठा, राजेंद्र प्रसाद यादव, धर्मेंद्र पासवान, शशि नाथ ठाकुर, जानकी रमन शाही, विजय कुमार ठाकुर उर्फ मुन्ना ठाकुर आदि शामिल रहे।

विद्युत आपूर्ति को पावर सब स्टेशन पर प्रदर्शन

सरैया प्रखंड के बहिलवारा खोरमपुर गांव स्थित नवनिíमत पावर सब स्टेशन पर लोगों ने विद्युत आपूर्ति को लेकर प्रदर्शन किया। लोगों ने नवनिíमत सब स्टेशन को वैशाली से सीधे बिजली आपूíत करने की मांग की। बताया कि धनुपरा व आरोपुर सब स्टेशन वाली लाइन से जोड़ने पर दूरी ज्यादा होने व ज्यादा पेड़ पौधे के कारण बराबर विद्युत आपूíत बाधित रहेगी। ऐसी स्थिति में नया सबस्टेशन बनाने का कोई औचित्य नहीं रहेगा। जबतक वैशाली से इस सब स्टेशन को बिजली आपूíत नहीं की जाएगी, सबस्टेशन से क्षेत्र में आपूíत नहीं होने दी जाएगी। मालूम हो कि इस मामले को लेकर विधायक अशोक कुमार सिंह भी वरीय अधिकारियों को पत्र लिख चुके हैं। वहीं ग्रामीण भी दर्जनों हस्ताक्षरयुक्त आवेदन अधिकारियों को चार माह पूर्व दे चुके हैं।

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