गर्भपात कराने आई महिला से कथित दुराचार मामले में दरभंगा के थानाध्यक्ष दंपती की भूमिका की जांच का आदेश

दरभंगा कोर्ट ने महिला और बेंता थानाध्यक्ष की भूमिका को संदेहास्पद बताया है। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश संजय अग्रवाल ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को अपने स्तर से जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने आदेश दिया है। साथ ही की गई कार्रवाई की सूचना देने को कहा है।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 08:42 AM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 08:42 AM (IST)
गर्भपात कराने आई महिला से कथित दुराचार मामले में दरभंगा के थानाध्यक्ष दंपती की भूमिका की जांच का आदेश
नगर पुलिस अधीक्षक के प्रतिवेदन में बेंता ओपी प्रभारी की संलिप्तता का स्पष्ट उल्लेख नहीं है।

दरभंगा, जासं। बेंता में गर्भपात कराने आई एक महिला के साथ कथित दुष्कर्म की कोशिश में थानाध्यक्ष दंपती पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। दरभंगा कोर्ट ने महिला और बेंता थानाध्यक्ष की भूमिका को संदेहास्पद बताया है। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश संजय अग्रवाल ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को अपने स्तर से जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने आदेश दिया है। साथ ही की गई कार्रवाई की सूचना देने को कहा है। कोर्ट ने बेंता ओपी प्रभारी खुर्शीद अकमल और उसकी पत्नी महिला थानाध्यक्ष नुसरत जहां के मोबाइल नंबरों की जांच करने को कहा। ताकि यह पता चले कि आपराधिक तत्वों से संपर्क है या कोई षडयंत्र का हिस्सा हैं अथवा नहीं। नगर पुलिस अधीक्षक के प्रतिवेदन को देख कोर्ट ने कहा कि सात मोबाइल नंबरों की जगह अनुसंधानक ने पांच का सीडीआर निकाला है। अन्य मोबाइल नंबरों के सीडीआर का उल्लेख नहीं है। कोर्ट ने कहा कि महिला थाने की सहायक दारोगा मुन्नी कुमारी कांड का अनुसंधानक है। मगर पीडि़ता का बयान महिला थानाध्यक्ष ने दर्ज किया। बयान लेने के बाद पीडि़त सूचिका का हस्ताक्षर भी महिला थानध्यक्ष ने लिया। यह न्यायसंगत नहीं है। घटनास्थल पर बेंता पुलिस के अचानक पहुंचे की बात को भी संदेह की परिधि में बताया। नगर पुलिस अधीक्षक के प्रतिवेदन में बेंता ओपी प्रभारी की संलिप्तता का स्पष्ट उल्लेख नहीं है। 

यह है घटनाक्रम

30 मई 2021 को गया जिले से बेंता में गर्भपात कराने आई एक महिला ने बहेड़ी थाना क्षेत्र के सिरुआ निवासी व कंपाउंडर आशीष ङ्क्षसह पर दुष्कर्म की कोशिश का आरोप लगाया। महिला थाने की पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इस मामले में पीडि़ता और उसके साथ सक्रिय दलालों ने आरोपित के पिता से समझौते के नाम पर एक लाख रुपये की ठगी की और फरार हो गए। इसके बाद आरोपित के पिता ने वरीय पुलिस अधिकारी को आवेदन दिया। बयान में पीडि़ता के पिता के तीन नाम अंकित है। पीडि़ता का आधार अवैध था। पीडि़ता ने जिसे मां बताया वह बहेड़ी थाना क्षेत्र की है। वरीय पुलिस पदाधिकारी के निर्देश पर गया और पटना जिले में पीडि़ता की खोज की गई, लेकिन अब तक नहीं मिली। महिला थानाध्यक्ष ने दलाल देवनारायण राय, मनोज साह और राकेश साह के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कर चुकी है।

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