दरभंगा सांसद ने कहा कि 260 बेड का होगा डीएमसीएच का विश्राम सदन
निर्माणाधीन भवन का निरीक्षण करने के बाद बताया कि यह विश्राम सदन पंद्रह करोड़ की लागत से तैयार किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान पावरग्रिड के अधिकारी एवं भवन निर्माण करा रही कंपनी एचएससीसी के प्रतिनिधि ने बताया गया कि 75 प्रतिशत कार्य कर लिया गया है।
दरभंगा, संस। स्थानीय सांसद डा. गोपाल जी ठाकुर ने बुधवार को दरभंगा मेडिकल कालेज, अस्पताल परिसर में केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के अधीन पावरग्रिड के सीएसआर फंड से निर्माणाधीन विश्राम सदन के कार्य प्रगति की समीक्षा की। निर्माणाधीन भवन का निरीक्षण करने के बाद सांसद ने बताया कि यह विश्राम सदन पंद्रह करोड़ की लागत से तैयार किया जा रहा है। 5445 वर्गफीट में पांच मंजिली इमारत बन रही है। जिसमें दो सौ साठ बेड लगाए जाएंगे।
निरीक्षण के दौरान पावरग्रिड के अधिकारी एवं भवन निर्माण करा रही कंपनी एचएससीसी के प्रतिनिधि ने बताया गया कि 75 प्रतिशत कार्य कर लिया गया है। मार्च 2022 तक पूर्ण कर लिया जाएगा। सांसद के द्वारा यह प्रश्न किया गया कि इस कार्य को जब 21-08-2019 को प्रारंभ किया गया और हर हाल में 28 महीने में पूर्ण कर लिया जाना था तो वहां मौजूद कंपनी के प्रतिनिधी ने कोरोना महामारी में कार्य में देरी हुई। इसपर सांसद ने हर हाल में 31 मार्च 2022 तक भवन तैयार कर लेने का निर्देश दिया।निरीक्षण के दौरान डीएमसीएच के अधीक्षक डा. हरिशंकर मिश्रा, पावर ग्रिड मुज़फ़्फ़रपुर के मुख्य प्रबंधक सीमांत चौधरी, एचएससीसी कंपनी के साइट इंचार्ज दीपक झा, भाजपा जिला महामंत्री सुजीत मल्लिक, ज्योतिकृष्ण झा आदि मौजूद थे।
स्नातक पार्ट टू में प्रमोटेड विद्यार्थियों ने कुलपति आवास पर किया प्रदर्शन
मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के विभिन्न कालेजों में सत्र 2018-21 के द्वितीय वर्ष के सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राएं विवि पहुंचे। पहले वे परीक्षा विभाग गए तो वहां परीक्षा नियंत्रक से मुलाकात नहीं हुई। कर्मियों ने बताया कि परीक्षा नियंत्रक कुलपति आवास पर बैठक में हैं। काफी देर तक इंतजार के बाद जब पदाधिकारी नहीं लौटे तो छात्र-छात्राएं कुलपति आवास पहुंचे और नारेबाजी शुरू कर दी। शोरगुल सुनकर परीक्षा नियंत्रक डा.संजय कुमार और ओएसडी डा.पंकज कुमार बाहर निकले। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि 2018-21 में द्वितीय वर्ष में यदि उनका परिणाम पेंङ्क्षडग है तो वे तृतीय वर्ष की परीक्षा का फार्म नहीं भर सकते। इसके बाद वहां खड़ीं कई छात्राएं फूट-फूटकर रोने लगीं। उनका कहना था कि विवि की ओर से प्रत्येक वर्ष नया नियम लाया जाता है। पिछले वर्ष अंडरटेङ्क्षकग लेकर फार्म भरवाया गया। परीक्षा नियंत्रक बदल गए तो नियम भी बदल गया। जब परीक्षा नियंत्रक से बात नहीं बनी तो छात्र-छात्राओं का आक्रोश बढऩे लगा। स्थिति अनियंत्रित होता देख परीक्षा नियंत्रक विवि की ओर जाना चाह रहे थे। छात्र-छात्राओं ने उन्हें रोक दिया और धक्का-मुक्की की स्थिति उत्पन्न हो गई। यहां से परीक्षा नियंत्रक और कुलसचिव विद्यार्थियों को लेकर विवि पहुंचे। एक छात्रा ने परीक्षा नियंत्रक पर धक्का देने का आरोप लगाया।