रैगिंग की घटना के बाद दरभंगा मेडिकल कॉलेज प्रशासन सख्त, विद्यार्थियों की सुरक्षा को प्राचार्य ने की यह पहल
Darbhanga Medical College रैगिंग की घटना के बाद दरभंगा मेडिकल कॉलेज प्रशासन सख्त हर स्तर पर हो रही निगरानी। प्राचार्य ने छात्र - छात्राओं के बीच साझा किया सेलफोन नंबर कहा - बच्चों का भविष्य सुरक्षित करना अहम।
दरभंगा, [संजय कुमार उपाध्याय]। दरभंगा मेडिकल कॉलेज के प्रशासनिक भवन से थोड़ी दूरी पर स्थित एनाटॉमी विभाग के सामने से गुजरी सड़क से सफेद एप्रन में दो छात्र इसी भवन से सटे स्टेट बैंक की शाखा की ओर जा रहे थे। चेहरे पर अनजाना सा खौफ नजर आ रहा था। इशारा किया। दोनों रुके। पूछा- डीएमसी में सबकुछ ठीक चल रहा है। कहा- हमें बैंक जाना है। जाने दीजिए। थोड़ी जल्दबाजी है। दरअसल हाल में कॉलेज में हुई रैगिंग की घटना ने यहां के छात्रों के मन में खौफ भरना शुरू कर दिया है। यकीन से परे है। लेकिन, हकीकत में यहां जारी दबंगई का खेल डराता भी है। हालांकि इस मामले में एंटी रैगिंग कमेटी ने अपनी कार्रवाई जारी रखी है।
इन सबके बीच कॉलेज के प्रशासनिक भवन में अनुशासन की साफ झलक नजर आती है। प्राचार्य कक्ष के बाहर या फिर परिसर में शांति का बसेरा दिखता है।
लेकिन, रैगिंग के सवाल पर सबकी चुप्पी है। हालांकि प्राचार्य ने घटना की जानकारी मिलने के साथ कार्रवाई शुरू कर दी है। कानून के हिसाब से न तो शिकायतकर्ता का नाम या पहचान सार्वजनिक किया जा सकता है। नहीं आरोपित पक्ष को ही सामने लाया जा सकता है। प्रशासनिक व अनुशासनिक कार्रवाई के साथ-साथ कॉलेज में छात्र-छात्राओं के बीच जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
प्राचार्य ने छात्र-छात्राओं को अपना सेलफोन नंबर मुहैया कराया है। कहा है कि किसी भी परेशानी की स्थिति में विद्यार्थी उन्हें फोन कर सकते हैं। बताया है कि सबसे जरूरी है कि सही और वास्तविक जानकारी सामने आए। ताकि, हर विद्यार्थी को सुरक्षित किया जा सके।
इस संबंध में प्राचार्य डॉ. केएन मिश्रा ने कहा कि रैगिंग के मामले में कार्रवाई चल रही है। मामले में हर पहलू को गंभीरता से देखा जा रहा है। लक्ष्य यह है कि इस तरह की घटना कॉलेज परिसर में नहीं हो। इस तरह के कृत्य में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सबसे जरूरी है हर विद्यार्थी का भविष्य सुरक्षित हो।