Bihar News: पहले चरण में दलहन खरीद के लिए चयनित जिलों में दरभंगा नहीं

Darbhanga द्वितीय चरण में शामिल हो सकता है दरभंगा एसएफसी प्रबंधक ने कहा- नहीं मिला आइडी-पासवर्ड अबतक किसी किसानों ने सरकारी दर पर दाल बेचने के लिए निबंधन नही कराया है। मालूम हो कि जिले में 81 हेक्टेयर भूमि पर 71845 ङ्क्षक्वटल दलहन का उत्पादन हुआ है।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Sat, 17 Apr 2021 08:44 PM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 08:44 PM (IST)
Bihar News: पहले चरण में दलहन खरीद के लिए चयनित जिलों में दरभंगा नहीं
खरीदारी के ल‍िए पहले चरण में दरभंगा को चयन नहीं होने से क‍िसान न‍िराश।

दरभंगा, जासं। जिले में दस एमटी चना व मसूर सरकारी दर पर किसानों से खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। लेकिन, पहले चरण में 20 जिलों का चयन किया गया है। जिसमे दरभंगा शामिल नहीं है. एसएफसी प्रबंधक अभिनव भाष्कर ने बताया कि अभी विभाग की ओर से आईडी पासवर्ड उपलब्ध नहीं कराया गया है। इस जिले को द्वितीय चरण में शामिल किए जाने की संभावना है। अबतक किसी किसानों ने सरकारी दर पर दाल बेचने के लिए निबंधन नही कराया है। मालूम हो कि जिले में 81 हेक्टेयर भूमि पर 71845 ङ्क्षक्वटल दलहन का उत्पादन हुआ है। पहली बार एमएसपी पर दाल (चना एवं मसूर) खरीदने के लिए एसएफसी ने दो जगह पर गुरुवार को संग्रहण केंद्र का शुभारंभ किया। दो दिन में कहीं से भी एक छटाक दाल की खरीद की जानकारी नहीं है ।

 जन जागरूकता के अभाव में किसानों का निबंधन नहीं

जनजागरूकता के अभाव में संभवत ई. संवर्धन पोर्टल पर जिला से किसानों का निबंधन भी नहीं हुआ. रफ्तार पकडऩे में वक्त लग सकता है। यह संग्रहण केंद्र 15 मई तक एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर निबंधित किसानों से दलहन की खरीद करेगा। एसएफसी ( राज्य खाद्य निगम ) का संग्रहण केंद्र शिवधारा बाजार समिति एवं बहेड़ी बिठौली व्यापार केंद्र पर खोला गया है। इन केंद्रों पर क्रमश: नवीन कुमार एवं कौशल कुमार प्रभारी प्रबंधक दलहन अधिप्राप्ति को लेकर प्रतिनियुक्त किए गए हैं। दलहन बेचने के लिए किसानों को ई. समृद्धि पोर्टल के माध्यम से निबंधित होना होगा। किसान चाहे तो स्वयं के मोबाइल ऐप अथवा वसुधा केंद्र या संग्रहण केंद्र पर जाकर ऑनलाइन निबंधित हो सकते हैं। निबंधित होने के लिए किसानों का अद्यतन जमाबंदी रसीद, आधार कार्ड, बैंक पासबुक होना अनिवार्य है। अगर किसान के नाम जमीन का लगान रसीद नहीं है। ऐसी परिस्थिति में सरपंच से अनुशंसित वंशावली प्रमाण पत्र उपलब्ध कराना है।

 किसानों को देना होगा घोषणा पत्र

इसके अलावा किसानों को स्वयं का घोषणा पत्र देना होगा कि कितनी जमीन पर चना अथवा मसूर की खेती की गई थी. एसएफसी ने किसानों से दलहन खरीद को लेकर पैमाना तय कर दिया है। इसके तहत रैयती किसान से अधिकतम 25 ङ्क्षक्वटल दलहन (मसूर अथवा चना दाल) एवं गैर रैयत किसानों से अधिकतम 15 ङ्क्षक्वटल दलहन की खरीद 51 सौ रुपए प्रति ङ्क्षक्वटल की दर से की जाएगी. किसानों से अधिप्राप्ति को लेकर लक्ष्य निर्धारित है. निदेशालय से अधिप्राप्ति को लेकर फिलहाल राशि प्राप्त नहीं हुई है। शायद किसानों का निबंधन प्राप्त होते है. दलहन अधिप्राप्ति को लेकर राशि उपलब्ध हो जाएगी। किसानों को सहूलियत देते हुए बताया कि किसान अगर चाहे तो कई राउंड में दलहन बेच सकते हैं. यानी कि एक बार मे ही 25 अथवा 15 ङ्क्षक्वटल दलहन इक_ा कर बेचने की जरूरत नहीं है। टुकड़े टुकड़े में भी बेच सकते हैं। कहा कि दलहन अधिप्राप्ति होते ही अधिकतम दो या तीन दिनों के भीतर किसानों का भुगतान आरटीजीएस के माध्यम से कर दिया जाएगा. बता दें कि जिला में 148 हेक्टेयर भूमि पर चना आच्छादित किया गया था। प्रति हेक्टर 17 ङ्क्षक्वटल चना का उत्पादन हुआ. वही 5333 हेक्टेयर भूमि पर मसूर आच्छादित किया गया था।  प्रति हेक्टेयर 13 से 15 ङ्क्षक्वटल मसूर उत्पादन की जानकारी कृषि विभाग ने दी है.

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