दरभंगा जिलाधिकारी ने कहा-परिवार का पहले करें भौतिक सत्यापन, फिर उसमें हो सुधार

बाढ़ प्रभावित अंचलों में डाटा अद्यतीकरण को लेकर डीएम ने बीडीओ व सीओ के साथ की ऑनलाइन बैठक दिए निर्देश जहां प्रति वर्ष आती बाढ़ वहां फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराने की जरूरत नहीं अभी लगातार हो रही बार‍िश से परेशानी बढ़ गई है।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 02:53 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 02:53 PM (IST)
दरभंगा जिलाधिकारी ने कहा-परिवार का पहले करें भौतिक सत्यापन, फिर उसमें हो सुधार
बाढ़ प्रभावित अंचलों में डाटा अद्यतीकरण को लेकर बैठक करते डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम। जागरण

दरभंगा, जासं। जिले में मानसून का आगाज हो चुका है। बारिश शुरू हो चुकी है। पड़ोसी देश नेपाल में भी भारी बारिश के कारण बाढ़ की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है। बाढ़ के वक्त सभी पदाधिकारी एवं कर्मी बाढ़ राहत कार्य में लग जाएंगे। इसके कारण डाटा अद्यतीकरण का कार्य नहीं हो पाएगा। उपरोक्त बातें जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने कही।

वे समाहरणालय स्थित आंबेडकर सभागार में बाढ़ प्रभावित अंचलों में डाटा अद्यतीकरण को ले बैठक कर रहे थे। कहा- यह सिर्फ डाटा अद्यतीकरण नहीं बल्कि डाटा सु²ढ़ीकरण भी है। इसलिए परिवार का भौतिक सत्यापन कराने के बाद ही नाम जोड़ा जाए और हटाया जाए। उन्होंने कहा कि अभी भी बहादुरपुर सहित कई अंचलों में डाटा अद्यतीकरण की अ'छी प्रगति नहीं हैं। बहादुरपुर, कुशेश्वरस्थान, बहेड़ी अंचल में डाटा अद्यतीकरण 50 फीसद से भी कम हुआ है। डाटा अद्यतीकरण नहीं रहने से गलत परिवारों को सहायता मिलने की संभावना बनी रहती है, जिसके लिए अंचलाधिकारी पर भी कार्रवाई होती है।

वर्ष- 2017 में अंचलाधिकारी सदर के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसलिए डाटा अद्यतीकरण अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कई अंचलों में काफी अ'छी प्रगति हुई है। अद्यतीकरण के दौरान सूची में केवल आधार नंबर डालना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि परिवारों का सर्वेक्षण भी जरूरी है। उन्होंने कुशेश्वरस्थान, ङ्क्षसहवाड़ा, बहेड़ी, बिरौल, गौड़ाबौराम, हनुमाननगर, जाले, सदर एवं किरतपुर अंचल की कई पंचायतों का जिक्र करते हुए संबंधित अंचलाधिकारी से उन पंचायतों में अद्यतीकरण का कार्य की धीमी प्रगति को लेकर जवाब-तलब किया। कहा कि इस वर्ष वैसे पंचायत जहां कभी-कभी बाढ़ आती है वहां बाढ़ आने के दिन से लेकर प्रतिदिन का जियो टैग फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी के लिए प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से कार्यपालक सहायक प्रतिनियुक्त किए जाएंगे। यथासंभव उसी पंचायत के कार्यपालक सहायक की प्रतिनियुक्ति वहां नहीं की जाएगी, बल्कि दूसरे पंचायत में की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्राय: ऐसा देखा जाता है कि जहां बाढ़ नहीं आती है, बाढ़ के पश्चात वहां के लोगों द्वारा भी बाढ़ सहायता राशि की मांग की जाती है।

इसलिए साक्ष्य के लिए फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी रखना जरूरी है।

संबंधित कार्यपालक सहायक अपने पंचायत में पानी प्रवेश करने की तिथि से ही प्रतिदिन फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी कर अंचल कार्यालय में जमा कराना सुनिश्चित करेंगे। कहा कि ऐसे स्थल जहां हमेशा बाढ़ आती है और यह सर्वविदित है कि वह स्थान बांध की पेटी में है या बाढग़्रस्त स्थल है, जहां प्राय: नाव चलती है, वहां फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी कराने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन जिन स्थलों पर हर साल बाढ़ नहीं आती है और किसी किसी वर्ष बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाता है, वैसे स्थलों पर बाढ़ आने की फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी अभिलेख के लिए अनिवार्य है। मौके पर प्रभारी पदाधिकारी जिला आपदा प्रबंधन सत्यम सहाय, जिला पंचायत राज पदाधिकारी आलोक राज सहित सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारी ऑनलाइन जुड़े थे।

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