मधुबनी में दबंगों ने जमीन पर जमाया कब्जा, साढ़े तीन साल से मंदिर परिसर में रह रहा विस्थापित परिवार

एक साल गांव के श्मशान के बगल में और दो साल महादलित दलान में रहने के बाद परिवार को मंदिर परिसर में मिला आसरा मधवापुर प्रखंड के पोखरौनी गांव का मामला पिछल 10 सालों से अपनी जमीन पर कब्जा के लिए कार्यालयों के चक्कर लगा रहा पीड़ित

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 12:42 PM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 12:42 PM (IST)
मधुबनी में दबंगों ने जमीन पर जमाया कब्जा, साढ़े तीन साल से मंदिर परिसर में रह रहा विस्थापित परिवार
पोखरौनी में मंदिर परिसर में रह रहा विस्थापित परिवार। जागरण

मधुबनी (बेनीपट्टी), जासं। बेनीपट्टी अनुमंडल के मधवापुर प्रखंड अंतर्गत पोखरौनी गांव में दबंगों ने जमीन पर कब्जा कर लिया। रामू पासवान के पास परिवार को रखने के लिए कोई उपाय नहीं था। आखिरकार, रामू पासवान ने अपने पत्नी, बच्चों एवं मवेशी के साथ गांव के ही ठाकुरबाड़ी महादेव मंदिर परिसर में खंडहर बने खपरैल घर को अपना आशियाना बनाया। अपनी जमीन होते हुए भी यह परिवार पिछले साढ़े तीन साल से यहां रहने को विवश है।

सुशासन की सरकार में न्याय के लिए भटक रहा रामू अंचल व थाना का चक्कर लगाकर परेशान हो चुका है, लेकिन उसकी समस्या का निदान करने के लिए अब तक कोई सार्थक पहल नहीं की जा सकी।

पोखरौनी गांव के रामू पासवान का आरोप है कि दबंग पड़ोसी ने उसके निजी घरारी की 19 धूर जमीन पर जबरन कब्जा कर लिया है। दबंगों के भय से अपने पत्नी सीता देवी व तीन बच्चों एवं मवेशी के साथ विस्थापित होकर गांव के मंदिर परिसर में रहने को विवश है। वर्ष 2012 में भूमि सुधार उप समाहर्ता, बेनीपट्टी के न्यायालय से पक्ष में आदेश पारित हुआ, लेकिन 10 वर्ष बीत जाने के बाद भी मधवापुर अंचल प्रशासन एवं साहरघाट थाना पुलिस दबंगों को जमीन से बेदखल कर रामू को उसकी जमीन पर कब्जा नहीं दिला सके। डीसीएलआर कोर्ट ने वाद संख्या 48/12-13 में सुनवाई करते हुए चार सितंबर 2012 को आदेश पारित कर मधवापुर अंचल प्रशासन को रामू पासवान के जमीन का सीमाकंन कराए जाने व दबंगों के द्वारा किए गए अवैध कब्जा को मुक्त कराने का निर्देश दिया था।

पीड़ित रामू ने वर्ष 2012 में लेकर अब तक डीएम, एसपी, एसडीओ, डीएसपी, सीओ, थाना, सब जगह आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई। लेकिन, अब तक कहीं से भी उसकी गुहार पर पहल नहीं हो सकी। परिवार संग विस्थापित रामू का कहना है कि दबंगों के भय से घर छोड़कर साढ़े तीन साल से पत्नी, बच्चों व मवेशी के साथ मंदिर परिसर के खंडहर घर में रहने को विवश हैं। इससे पूर्व गांव में ही एक साल श्मशान के समीप बगीचा में और दो वर्ष महादलित दलान में रह चुके हैं। खतियानी व केबाला से प्राप्त जमीन पर दबंगों ने कब्जा कर लिया है। मधवापुर के सीओ रामकुमार पासवान ने बताया कि यह मामला टाईटल व सिविल कोर्ट का है। पूर्व में जो भूमि रामू पासवान व उनके परिवार के नाम पर थी, वह अब नए खतियान में दूसरे के नाम पर चढ़ गई है।

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