Muzaffarpur Weather Forecast: उत्तर बिहार में भी होगा चक्रवती तूफान का असर, 27 से 29 मई के बीच भारी बारिश की संभावना

Muzaffarpur Weather Forecast मौसम विभाग की जानकारी के अनुसार इस चक्रवात का असर उत्तर बिहार के मैदानी इलाके में भी पड़ेगा। 26-27 मई को उत्तर बिहार के जिला में मध्यम से भारी वर्षा के साथ-साथ आकाशीय बिजली भी गिरेगी।

By Murari KumarEdited By: Publish:Tue, 25 May 2021 06:42 AM (IST) Updated:Tue, 25 May 2021 06:42 AM (IST)
Muzaffarpur Weather Forecast: उत्तर बिहार में भी होगा चक्रवती तूफान का असर, 27 से 29 मई के बीच भारी बारिश की संभावना
उत्तर बिहार में भी होगा चक्रवती तूफान का असर। (सांकेतिक तस्वीर)

समस्तीपुर, जागरण संवाददाता। बंगाल की खाड़ी पर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने के कारण एक बड़े गंभीर चक्रवाती तूफान का संकेत है। इसको देखते हुए डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग ने दो दिनों के लिए विशेष पूर्वानुमान जारी किया है। विभागीय जानकारी के अनुसार इस चक्रवात का असर उत्तर बिहार के मैदानी इलाके में भी पड़ेगा। 26-27 मई को उत्तर बिहार के जिला में मध्यम से भारी वर्षा के साथ-साथ आकाशीय बिजली भी गिरेगी। वहीं 27 से 29 मई के बीच भारी वर्षा की संभावना अधिक है। वर्षा के दौरान हवा की रफ्तार 40 से 50 किमी प्रतिघंटा रहेगी।

 मौसम विभाग ने सभी खड़ी फसलों में सिंचाई नहीं करने की सलाह दी है। साथ ही वर्षा की संभावना को देखते हुए तैयार मक्का की दौनी 26 मई के पूर्व करने की सलाह दी है। अगात मूंग, उड़द की तैयार फलियों की तुड़ाई कर लें एवं उसे भंडारित कर लें। साथ ही  पिछात बोयी गयी मूंग एवं उड़द की फसल में पीला मोजैक रोग की निगरानी करें। यह विषाणु द्वारा उत्पन्न होने वाला विनाशकारी रोग है जो सफेद मक्खी (एक रस चूसक कीट) के द्वारा फसल में प्रसारित होता है। इसके शुरूआती लक्षण पत्तियों पर पीले धब्बे के रूप में दिखाई देता है, बाद में पत्तियां तथा फलियां पूर्ण रूप से पीली हो जाती है। 

फल एवं लत्तर वाली सब्जियां जैसे जैसे नेनुआ, करैला, लौकी (कद्दू), और खीरा फसल को क्षति पहुंचाने वाला मक्खी की तरह दिखाई देने वाली भूरे रंग की होती है। मादा कीट मुलायम फलों की त्वचा के अन्दर अंडे देती है। अंडे से पिल्लू निकलकर अंदर ही अंदर फलों के भीतरी भाग को खाता है। इसके कारण पूरा फल सड़ कर नष्ट हो जाता है। अतः इस कीट की निगरानी करें एवं प्रकोप दिखाई देने पर बचाव के लिए मिथाइल यूजीनोल ट्रेप का प्रयोग कर सकते हैं। अथवा डाईमेथाएट 30 ईसी दवा 2 मिली 10 ग्राम चीनी/गुड़ प्रति लीटर पानी की दर मिलाकर इसका प्रयोग आसमान साफ होने के बाद करें।

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