Muzaffarpur Crime Report: पुलिस बेबस, लगातार बढ़ती जा रही अपराध की लिस्ट, जानिए...
पुलिस की आेर से जारी किए गए जुलाई माह तक के आंकड़े। मुजफ्फरपुर में सात माह में 91 हत्याएं 22 डकैतियां 42 दुष्कर्म व 455 अपहरण। पढ़ें पूरी रिपोर्ट...
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। उत्तर बिहार की राजधानी कही जाने वाली शहर मुजफ्फरपुर में क्राइम का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। गोलीबारी, हत्या, लूट, डकैती और बलात्कार जैसी घटनाओं में तेजी से इजाफा हुआ है। पूरे उत्तर बिहार में मुजफ्फरपुर अपराध के मामले में प्रथम स्थान पर है, वहीं पटना के बाद बिहार में दूसरे नंबर पर है।
सात माह में सर्वाधिक वारदात मुजफ्फरपुर में हुई
प्रतिदिन कहीं हत्या तो कहीं लूट, दहशत फैलाने के लिए फायरिंग भी। आपराधिक घटनाएं बढ़ रहीं, रोकने में पुलिस विफल। तभी तो, अपराध मामले में पटना के बाद सूबे में दूसरे नंबर पर यह जिला है। सात माह में सर्वाधिक वारदात इस जिले में हुई है। राह चलतीं महिलाओं और पुरुषों के गले से चेन व मोबाइल झपटने की घटनाएं गिनती में नहीं हैं। आंकड़े बताते हैं कि यहां सबसे जघन्य अपराध यानी हत्या, अपहरण व दुष्कर्म की घटनाएं ज्यादा हो रही हैं। सरकारी आंकड़ों को देखने से यही लगता है कि जिले में अपराधियों की गतिविधियों पर नियंत्रण के लिए प्रहार कम और प्रचार अधिक हुआ है।
आंकड़ों में पटना और मुजफ्फरपुर में क्राइम के ग्राफ की तुलना
पटना में जनवरी में 2996, फरवरी में 2934, मार्च में 3283, अप्रैल में 2673, मई में 2644, जून में 3107, जुलाई में 3272 संज्ञेय अपराध हुए। इसी दौरान मुजफ्फरपुर में जनवरी में 1068, फरवरी में 1092, मार्च में 1414, अप्रैल में 1065, मई में 1272, जून में 1336, जुलाई में 1188 संज्ञेय अपराध हुए। पटना में मार्च में 15 तो अप्रैल में 16 हत्या की घटनाएं हुईं। वहीं मुजफ्फरपुर में मार्च में 15 तो अप्रैल में नौ हत्याएं हुईं। इस महीने में डकैती की सात घटनाएं हुईं। मार्च में चोरी की 228 घटनाएं प्रतिवेदित हुईं तो अगले माह 181 घटनाएं हुईं। मुजफ्फरपुर में मार्च में 62 तो अप्रैल में 93 अपहरण की घटनाएं हुईं। दुष्कर्म की घटनाएं मार्च में नौ तो अप्रैल में आठ घटनाएं प्रतिवेदित हुई हैं। रोड डकैतों ने भी उत्पात मचाया। मार्च में जहां एक घटना हुई वहीं अगले ही महीने अप्रैल में यह संख्या बढ़कर दो हो गई। सड़क लूट भी इस दौरान जबरदस्त हुई।
नए पुलिस कप्तान से बंधी उम्मीद
नए पुलिस कप्तान जयंत कांत के आगमन के बाद आपराधिक वारदात पर नकेल कसने के लिए मशक्कत दिख रही है। लेकिन, स्थिति सुधरे तो लोगों का भरोसा बढ़े। इस वर्ष जनवरी से हालत इतने बिगड़े हैं कि नवंबर चल रहा, लेकिन आंकड़े जुलाई तक के ही पुलिस की ओर से जारी किए गए हैं।
अपराध पटना मुजफ्फरपुर
हत्या 181 91
डकैती 45 22
लूट 211 161
सेंध 515 152
चोरी 4135 1501
दंगा 567 140
अपहरण 830 454
फिरौती के लिए अपहरण 3-1
दुष्कर्म 67 42
रोड डकैती 28 09
सड़क लूट 188 129
बैंक डकैती 01 0
बैंक में सेंध 0 0
बोले वरीय पुलिस अधीक्षक
इस बारे में मुजफ्फरपुर एसएसपी जयंत कांत ने कहा कि कांडों का उद्भेदन करने पर तेजी से काम हो रहा है। बहुत से केस डिटेक्ट हुए हैं। सभी अपराधियों के डेटाबेस नए सिरे से बनाए जा रहे हैं। शीघ्र रिजल्ट भी आएंगे।’
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