West Champaran : निजी स्कूलों में कोविड गाइडलाइन का पालन, सरकारी स्कूलों में सिर्फ खानापूरी
West Champaran पश्चिम चंपारण के निजी स्कूलों की अपेक्षा सरकारी स्कूलों में नहीं दिख रही संख्या साल भर बाद खुले स्कूल तो छात्रों में दिखा काफी उत्साह कोरोना संक्रमण को देखते हुए सभी स्कूलों को सरकार की गाइडलाइन का पालन करना जरूरी है।
पश्चिम चंपारण, जासं । वैश्विक महामारी कोरोना के प्रकोप की वजह से सालभर से बंद प्राथमिक विद्यालयों को दो दिनों पूर्व यानी एक मार्च से सूबे में खोल दिया गया है। लेकिन, कोरोना गाइड के नाम पर महज खानापूरी की जा रही है। निजी विद्यालयों में पालन तो हो रहा है लेकिन सरकारी विद्यालयों में नहीं।
लंबे समय के अंतराल के बाद जब स्कूल खुले हैं, तो छात्रों में काफी उत्साह है। छोटे- छोटे बच्चे जब स्कूल पहुंचे तो उनके चहल पहल से स्कूल काफी गुलजार है। हालांकि हरनाटांड़ सहित थरुहट क्षेत्र के दर्जनों सरकारी स्कूलों में फिलहाल करीब 50 फीसद ही छात्र पहुंच रहे हैं। जबकि निजी स्कूलों में संख्या काफी अच्छी दिख रही है। मंगलवार को हरनाटांड़ स्थित निजी विद्यालय क्राइस्ट मिशन स्कूल का जायजा लिया। जहां वर्ग कक्ष में कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए बच्चों को शारीरिक दूरी के साथ बैठाया गया था। यहां हर के बच्चे व शिक्षकों के मुंह पर मास्क नजर आया। विद्यालय के मुख्य गेट पर थर्मल स्क्रीङ्क्षनग और क्लासरूम में जाने से पहले हाथ को सेनेटाइज का प्रयोग किया जा रहा था।
सरकारी स्कूलों में घटी बच्चों की संख्या :
मंगलवार को जब हरनाटांड़ स्थित राजकीय बुनियादी विद्यालय का जायजा लिया गया तो यहां शिक्षक मास्क में दिखे। लेकिन पांचवीं कक्षा के अधिकतर छात्र मास्क में नजर नहीं आए। विद्यालय के प्रधानाध्यापक इन्द्रकांत ङ्क्षसह ने बताया कि छठी से आठवीं कक्षा में 483 नामांकित बच्चों में मात्र 203 व पहली से पांचवीं कक्षा में 160 नामांकित बच्चों में मात्र 52 बच्चे ही उपस्थित मिले। ऐसी स्थिति केवल इसी विद्यालय की नहीं है, बल्कि क्षेत्र के सभी सरकारी प्राथमिक स्कूलों की स्थिति करीब करीब यही है। राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय धंगड़हिया का जब जायजा लिया गया तो यहां भी स्थिति वहीं दिखी। विद्यालय के प्रधानाध्यापक मोतीलाल उरांव ने बताया कि कक्षा एक से पांचवी में कुल नामांकित 102 बच्चों में मात्र 48 ही उपस्थित हैं। जबकि छह से आठ में 156 नामांकित में मात्र 72 ही उपस्थित मिले। यहां भी एक से पांच तक की कक्षा में कुछेक बच्चे ही मास्क में दिखे। सरकारी प्राथमिक स्कूलों में फिलहाल करीब 40 फीसदी बच्चे ही पहुंच रहे हैं।
- विद्यालय में पहली से आठवीं कक्षा के बच्चे आ रहे हैं। इस दौरान कोरोना गाइड लाइन का बखूबी से पालन किया जा रहा है। बच्चों को विद्यालय में प्रवेश करने से पहले थर्मल स्क्रीङ्क्षनग कराई जा रही है। सभी को मास्क के साथ शारीरिक दूरी का पालन कराते हुए वर्ग कक्ष में बैठाया जा रहा है। वहीं प्रत्येक दिन वर्ग कक्ष को सैनिटाइज भी किया जाता है। आशीष कुमार गुप्ता, डायरेक्टर क्राइस्ट मिशन स्कूल, हरनाटांड़