Coronavirus: समय से उपचार कराएं, धैर्य और हिम्मत से दें खतरनाक कोरोना को मात

Coronavirus 80 से 90 फीसद मरीज घर पर ही हो रहे ठीक बचाव व जागरूकता जरूरी। गर्भवती महिलाएं लें पौष्टिक एवं संतुलित आहार खांसते और छींकते समय नाक व मुंह को ढंके। खुद को घर में आइसोलेट कर लें। बाहरी लोगों के संपर्क में नहीं रहें।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 09:31 AM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 09:31 AM (IST)
Coronavirus: समय से उपचार कराएं, धैर्य और हिम्मत से दें खतरनाक कोरोना को मात
चिकित्सक की सलाह से व्यायाम करें एवं दवा लें। नियमित चेकअप कराते रहें।

मुजफ्फरपुर, जासं। कोरोना को लेकर लापरवाही नुकसानदेह है। इससे डरने की नहीं बचाव की जरूरत है। प्रसूति व महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. निशात परवीन ने कहा कि गर्भवती महिलाओं को इस वायरस से सतर्क रहने की आवश्यकता है। खुद को घर में आइसोलेट कर लें। बाहरी लोगों के संपर्क में नहीं रहें। पौष्टिक आहार लें। चिकित्सक की सलाह से व्यायाम करें एवं दवा लें। नियमित चेकअप कराते रहें। कोरोना के लक्षणों में बदलाव आ रहा है। ऐसे में बुखार, गले में खरास, सिरदर्द, खांसी, नाक बहना, पेट में ऐंठन, दस्त और स्वाद व गंध नहीं मिलने की शिकायत पर तुरंत जांच कराएं। यहां यह भी ध्यान दें कि हर बुखार, सर्दी व खांसी कोरोना नहीं है। जांच में पॉजिटिव आने पर घबराए नहीं। खुद को घर में आइसोलेट कर, धैर्य, दवा एवं घरेलू उपचार से 80 से 90 फीसद मरीज ठीक हो रहे हैं। नकारात्मक सोच व डर खतरनाक हो सकता है। इस बीमारी को संयम, हिम्मत, आइसोलेशन व दवा से हराया जा सकता है। स्थितिभयावह होने की सबसे बड़ी वजह गाइडलाइन का पालन नहीं करना, बीमारी को छिपाना एवं इंसानियत का खत्म होना है। याद रहे मरीज से भले ही शारीरिक दूरी बनाए मगर उसे हमेशा यह भरोसा दिलाए कि सभी उनके साथ हैं। कई मामलों में समुचित देखभाल व उपचार नहीं होने की वजह से मरीज की मौत हुई है।

ऐसे करें बचाव

शरीर में इम्युनिटी बढ़ाने वाला भोजन करें। सुबह-दोपहर-शाम और रात के खाने पीने को व्यवस्थित करना होगा। दिनभर में चार लीटर पानी जरूर पिएं। रात को सोते समय और सुबह उठकर भाप जरूर लें। इससे गले और फेफड़ों में जमा कफ आसानी से बाहर निकल आता है। कोरोना के अधिकतर मामलों में अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है। खुद को घर के एक कमरे में आइसोलेट कर लें। कमरा हवादार हो एवं पंखा हमेशा चालू रखें। खांसते और छींकते समय नाक व मुंह को ढक लें। बुखार की नियमित जांच करते रहें। ऑक्सीजन लेबल 92 से कम हो तो तुरंत चिकित्सक की सलाह लें एवं अस्पताल में भर्ती हो जाए या घर पर ही चिकित्सक की सलाह से उपचार करें।

गर्भवती महिलाएं दूध, हरी सब्जी आदि का करें सेवन

गर्भवती महिलाएं पौष्टिक एवं संतुलित आहार लें। पनीर, दूध,अंडा, सेब, केला, नारंगी, नारियल पानी, दाल, सलाद, अंकुरित अनाज, हरी सब्जियां आदि नियमित खाएं। हलका गरम पानी पिये। खजूर, ड्राइ फ्रूट भी खाएं। दूध में हल्दी डालकर पिये। ब्लड प्रेशर, मधुमेह आदि की जांच कराते रहे। गर्म पानी पिये। गर्म पानी से गलाला करें। हाईप्रोटीन डायट लें। घबराए नहीं।

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