West Champaran: थरुहट के स्कूलों व कोच‍िंग संस्थानों में कोरोना गाइडलाइन का नहीं हो रहा अनुपालन

West Champaran News ज‍िले के थरूहट में न तो छात्र-छात्रा मास्क लगाते हैं और न ही करते शारीरिक दूरी का पालन। ग्रामीण इलाकों में अधिकारियों ने भी जांच करने की नहीं उठाई जहमत छात्र छात्राओं में बन रहा कोरोना संक्रमण का खतरा।

By Murari KumarEdited By: Publish:Tue, 12 Jan 2021 03:50 PM (IST) Updated:Tue, 12 Jan 2021 03:50 PM (IST)
West Champaran: थरुहट के स्कूलों व कोच‍िंग संस्थानों में कोरोना गाइडलाइन का नहीं हो रहा अनुपालन
बगहा । बिना मास्क पहने कोच‍िंंग जातीं छात्राएं

पश्‍च‍िम चंपारण, जागरण संवाददाता। सरकार द्वारा चार जनवरी को कोविड-19 का अनुपालन करते हुए शैक्षणिक संस्थानों को खोलने की अनुमति दी गई है। लेकिन हरनाटांड़ सहित थरुहट के ग्रामीण इलाकों में इससे काफी पहले से कोच‍िंग संस्थान चल रहे थे। वह भी बगैर गाइडलाइन के। जिससे छात्र छात्राओं में कोरोना संक्रमण का खतरा बना रहा। सरकार के गाइडलाइन के आदेशानुसार विद्यालयों व कोङ्क्षचग संस्थानों में वर्ग नौ से 12वीं तक के कक्षाओं को संचालित करने का आदेश जारी है। इसमें कोरोना से बचाव के कई तरह के उपाय कर ही विद्यालय व कोङ्क्षचग संस्थान चलाना है।  

कोच‍िंग संस्थानों में नहीं हो रहा कोरोना गाइड लाइन का अनुपालन 

शहरों में संचालित होने वाले शैक्षणिक संस्थानों पर अधिकारियों की टीम आय दिन जांच को पहुंचती है और दिशा निर्देश भी देती है। लेकिन ग्रामीण इलाकों में न तो अधिकारियों की टीम कभी पहुंचती है और न लोग व बच्चे और शिक्षक ही जागरूक दिख रहे हैं। यहां के किसी भी कोच‍िंग संस्थानों में न तो छात्र-छात्रा मास्क लगाते देखे जा रहे हैं और न ही सैनिटाइज कराया जाता है। मंगलवार को जब हरनाटांड़ सहित थरुहट क्षेत्र के विभिन्न गांवों के कोङ्क्षचग संस्थानों का जायजा लिया गया तो लगभग सभी कोच‍िंग संस्थान में यह पाया गया कि यहां के अधिकांश बच्चे बिना मास्क के एक दूसरे के पास बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं।

 इसके साथ ही कोच‍िंग संचालक ने  सेंटर के बाहर सैनिटाइजर भी नहीं रखा था। जिससे सरकार से जारी गाइड लाइन का पालन नहीं हो रहा और कोरोना संक्रमण का खतरा भी बना हुआ है। इधर इस संबंध में बगहा दो बीईओ फणीशचंद्र पाठक ने कहा कि कोरोना महामारी के मद्देनजर सरकार द्वारा प्राप्त गाइड लाइन के अनुसार ही शैक्षणिक संस्थानों का संचालन करना है। क्षेत्र के शैक्षणिक संस्थानों की जांच की जा रही है, अगर कहीं भी लापरवाही बरती जाती है तो उन कोङ्क्षचग संस्थानों के ऊपर कार्रवाई की जाएगी। 

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