कृष्णा बम की कांवर यात्रा में 'कालनेमि' बना कोरोना

अगर बाबा भोलेनाथ की कृपा नहीं होती तो जो भरापूरा परिवार शांति व शोहरत मिल रही वह शायद नसीब नहीं होती।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Jul 2020 02:35 AM (IST) Updated:Tue, 07 Jul 2020 02:35 AM (IST)
कृष्णा बम की कांवर यात्रा में 'कालनेमि' बना कोरोना
कृष्णा बम की कांवर यात्रा में 'कालनेमि' बना कोरोना

मुजफ्फरपुर। अगर बाबा भोलेनाथ की कृपा नहीं होती तो जो भरापूरा परिवार, शांति व शोहरत मिल रही वह शायद नसीब नहीं होती। जेकर नाथ भोलेनाथ उ अनाथ कैसे होई..। यह भाव जिस भक्त में हो जाए उसके जीवन में संकट यूं आता और फिर यूं ही चला जाता है। मुजफ्फरपुर चकबासू निवासी पेशे से शिक्षक रहीं कृष्णा रानी उर्फ कृष्णा माता बम शिव भक्ति की बात पर भावुक हो जाती हैं। बताती हैं जब पढ़ाई कर रही थीं। उसी समय शादी हुई। सराय के भतंडी में उनकी ससुराल पर 1971 में नक्सली हमला हुआ। ससुर की मौत हो गई। उसके बाद पूरा परिवार अस्त-व्यस्त। पति पशु चिकित्सक की पढ़ाई कर रहे थे। उनकी पढ़ाई छूट गई। हालत ऐसी हुई कि नैहर में पिता के पास रहकर आगे की पढ़ाई और फिर शिक्षक के लिए चयन हुआ। मुजफ्फरपुर में ट्रेनिंग चल रही थी। इस बीच पति गंभीर रूप से बीमार हो गए। अभी जो कोरोना का हाल है वहीं उस समय कालाजार का था। करीब दो साल तक उनका इलाज चला। उसी समय संकल्प लिया कि बाबा अगर पति क्योर हुए तो यात्रा करेंगे।

40 रुपये थे पास में, चल दीं बाबाधाम

पति क्योर हुए तो अस्पताल से सीधे बाबा नगरी देवघर की यात्रा की। पहली यात्रा 1978 में ट्रेन से हुई। उस समय पास में मात्र 40 रुपये ही थे। उनके साथ बाबाधाम की यात्रा करने वाले एक शिवभक्त ने सहयोग किया। उसके बाद 1982 से लगातार डाक कांवर लेकर जा रही हैं। पहली यात्रा में अकेले निकलीं। मन में भय था। लेकिन, चलते-चलते नींद लगी तो बाबा को याद किया। ऐसा अहसास हुआ कि कोई बुजुर्ग आदमी साथ-साथ हाथ खींचकर चल रहा है। अचानक नींद टूटी तबतक दर्शनीया धर्मशाला के पास पहुंच चुकी थीं।

पिछली बार ये हुई परेशानी

कृष्णा रानी कहती हैं कि पिछली बार अंतिम सोमवारी को दर्शन में मंदिर की व्यवस्था से परेशानी हुई। बाबा से गुहार लगाई कि अब सोमवार को जल उठेगा। मंगलवार को दरबार में हाजिरी लगेगी। लेकिन, इस बार ऐसा हुआ कि कोरोना हमारे रास्ते में रोड़ा बना।

लॉकडाउन में पुणे में फंसी

इस बार लॉकडाउन में पुणे में फंसी हैं। वहीं घर पर शिवलिंग की पूजा की। दिन में ध्यान लगाया तो पुरानी यादें ताजा हुईं। कांवर यात्रा व बाबा के जलाभिषेक की यादें।

घर पर ही करें बाबा की पूजा

शिव साधक कृष्णा रानी उर्फ कृष्णा माता बम ने कहा कि इस बार भक्त अपने घर में ही बाबा की मन से पूजा करें। उनसे प्रार्थना करें कि कोरोना से मुक्ति दिलाएं। पुराने दिन लौटें, ताकि सभी भक्त उनके दरबार में जाकर हाजिरी लगाएं। मन से जो मांगा जाता है उसे बाबा जरूर पूरा करते हैं। यह भाव लेकर सपरिवार घर में पूजा करें। मुझे इस बात की खुशी है कि इस बार करीब 250 से ज्यादा भक्तों को घर में ही शिवलिंग रखकर पूजन करने के लिए प्रेरित किया। सभी पूजा कर रहे हैं।

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