देश को बचाने की खातिर ईद की खुशियां भी कुर्बान
रोजेदारों ने देश को बचाने की खातिर ईद जैसी खुशियों को भी कुर्बान करने का जज्बा दिखाया।
मुजफ्फरपुर : रोजेदारों ने देश को बचाने की खातिर ईद जैसी खुशियों को भी कुर्बान करने का जज्बा दिखाया। रोजेदारों ने कहा कि हमारा देश कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा है, हजारों लोगों की मौत हो रही है। हर कोई दहशत में है। इन मौतों ने ईद की खुशियों को फीका कर दिया है। जिस तरह से कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है ऐसी स्थिति में हर जिम्मेदार नागरिक का फर्ज है कि देश पर आए इस मुसीबत के समय खुद से ज्यादा देश की फिक्र करे। रोजेदारों ने कहा कि देश व देशहित में इस बार भी ईद की खुशियां कुर्बान कर देंगे। देश सलामत रहे यहीं दुआ है। हमें गम नहीं कि हमारे बच्चों ने नए कपड़े पहने या नहीं, हमें इसकी भी फिक्र नहीं की ईद की खुशियां भी घर की चहारदिवारी तक सिमट जाएगी। हमें सिर्फ अपने देश को बचाने की फिक्र है।
नए कपड़े का मलाल नहीं,
पुराने कपड़ों में ही खुशियां
लॉकडाउन की वजह से दुकानें बंद हो चुकी हैं। ऐसे में अधिकतर लोग अपने परिवार के लिए कपड़ा नहीं खरीद सके हैं। इसके बाद भी उन्हें मलाल नहीं। ऐसे लोगों का कहना है नए कपड़े का मलाल नहीं है, पुराने कपड़े में ही खुशियां हैं। बच्चे नए कपड़े के लिए जिद तो करेंगे, मगर उन्हें भी समझा लेंगे। देश के हालात ठीक नहीं, ऐसे में सुरक्षा सबसे अहम है। ईद एक महीने रोजा रखने का ईनाम है। इस दिन रोजेदार अल्लाह के मेहमान होते हैं। रोजेदारों ने एक महीने रोजा रखकर अल्लाह से कोरोना से निजात की दुआ की। इस दौरान गाइडलाइन का पालन किया गया।
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चार फोटो --- भारती जी सलामत रहें हमारा देश,
इसी में ईद की खुशी जिला शांति समिति के सदस्य रेयाज अंसारी ने कहा कि देश-देशवासियों की सुरक्षा सबसे अहम है। जिस तरह रोजेदारों ने रमजान में सरकार के गाइडलाइन का पालन किया उसी तरह ईद में भी एक जिम्मेदार नागरिक का फर्ज पूरा करेंगे। हमारा देश सलामत रहे इसी में ईद की खुशी है।
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महाराजी पोखर निवासी ऑटो मोबाइल इंजीनियर शाहनवाज हुसैन नौशाद ने कहा कि जब भी देश पर कोई मुसीबत आई है हर मजहब के लोगों ने एक होकर इसका सामना किया है। कोरोना को भी हराएंगे और देश को बचाएंगे। देश में रहने वाले हरएक के लिए देश सबसे पहले है। उसकी सुरक्षा सबसे अहम है।
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इमामगंज चांद कोठी निवासी व्यवसायी चांद परवेज ने कहा कि पिछले वर्ष भी रोजेदारों ने देश हित में ईद की खुशियों को कुर्बान किया था। इस बार भी करेंगे। देश के लिए कुछ भी करने का जज्बा है। हर किसी को अपने वतन से मोहब्बत है। जिससे मोहब्बत होती है उसके लिए बड़ी से बड़ी कुर्बानी दी जाती है।
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दामोदरपुर चकमुरमुर निवासी मो. वदूद ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकना एवं लोगों की जिंदगी बचाना अभी ज्यादा महत्वपूर्ण है। इसके लिए रोजेदारों ने रमजान में भी सामूहिक नमाज की कुर्बानी दी और ईद के मौके पर भी देंगे। देश व देश वासियों को बचाना है।