कथित दुष्कर्म की कोशिश के बाद आरोपित से पैसे ऐंठनेवालों से शहर के एक दारोगा का कनेक्शन!

सिटी एसपी के आदेश पर महिला थाने की पुलिस ने निकाला कॉल डिटेल तो सामने आई हकीकत दलालों ने पहले आरोपित के पिता को किया फोन फिर दारोगा को पीड़त महिला उसकी मां और भाई के बयान में अंतर पिता का नाम भी भाई-बहन के बयान में अलग-अलग।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 05:29 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 05:29 PM (IST)
कथित दुष्कर्म की कोशिश के बाद आरोपित से पैसे ऐंठनेवालों से शहर के एक दारोगा का कनेक्शन!
आरोपित से अवैध रुपये वसूलने वालों के साथ पहले से कायम होने के सबूत मिले हैं।

दरभंगा, [मुकेश कुमार श्रीवास्तव]। शहर के बेंता में गर्भपात कराने आई एक महिला के साथ कथित दुष्कर्म की कोशिश और इस आरोप में एक कंपाउंडर की गिरफ्तारी के बाद परत दर परत हकीकत खुल रही है। मामले में शहरी क्षेत्र की एक ओपी में पदस्थापित एक पुलिस अधिकारी (दारोगा) का भी कनेक्शन कथित आरोप लगा आरोपित से अवैध रुपये वसूलने वालों के साथ पहले से कायम होने के सबूत मिले हैं।

दरअसल, इस पूरे प्रकरण में जब महिला थाना की पुलिस ने सिटी एसपी अशोक कुमार के निर्देश पर संबंधितों के मोबाइल का कॉल डिटेल निकाला तो पता चला कि एक फोन दलालों ने आरोपित के पिता को किया तो उसके फौरन बाद दारोगा जी को किया। मतलब यह कि या तो दारोगा जी को पूरे खेल की जानकारी थी। या फ्रि पहले से ही ठगी करनेवालों को उनका संरक्षण था। इन तमाम बातों को लेकर शहर में अटकलें तेज हैं।

संबंधित पुलिस अधिकारी की नींद उड़ी, महकमें में बेचैनी

वरीय पुलिस अधिकारी के निर्देश में निकाले गए सीडीआर में दारोगा के नंबर की बात सामने आने के बाद पुलिस महकमे में बेचैनी है। इस बीच दारोगा जी की भी नींद उड़ गई है। सूत्र बताते हैं कि कथित पीडि़ता को मैनेज करने, आरोपित को पुलिस हाजत से छुड़ाने के नाम पर लिए जब दलाल ने आरोपित के स्वजनों को ठगी करने के लिए फोन किया तो ठीक उसके बाद एक पुलिस पदाधिकारी से भी बात की। बातचीत का चेन बनने से संबंधित पुलिस पदाधिकारी परेशान हैं। फिलहाल कोई पुलिस पदाधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। जांच की बात की जा रही है।

दलालों से हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग और समझौता पत्र सुरक्षित

इस मामले में दलाल मनोज, राजेश व देवनारायण ने जब-जब आरोपित के स्वजनों से फोनपर रुपये की मांग की उनकी कॉल रिकार्डिंग सुरक्षित होती गई। आरोपित को छुड़ाने के नाम पर दलालों ने नकदी के साथ गुगल पे से भी अपने खाते में रुपये लिए। पीडि़ता ने रुपये लेने के बाद समझौता व शपथ पत्र पर हस्ताक्षर किया। ये सारे साक्ष्य जेल में बंद युवक के स्वजनों ने पुलिस के वरीय अधिकारियों को दिए हैं। लेकिन, उसकी रिहाई नहीं हो पाई है।

यह है घटनाक्रम

बता दें कि 30 मई को गया जिले से बेंता में गर्भपात कराने आई एक महिला ने बहेड़ी थानाक्षेत्र के सिरूआ निवासी व कंपाउंडर आशीष ङ्क्षसह पर दुष्कर्म की कोशिश का आरोप लगाया। महिला थाना की पुलिस ने आशीष को गिरफ्तार किया। फिर दलाल सक्रिय हो गए।

आरोपित के स्वजनों से समझौता के नाम पर दो लाख रुपये मांगे। अंत में एक लाख पर समझौता हुआ। रुपये मिलने के बाद पीडि़ता और उसकी मां फरार हो गई। जब पुलिस की जांच बढ़ी तो महिला का आधार नंबर तक फर्जी मिला। कथित भाई, मां और अन्य ने भी फर्जी बयान दिए। अब सवाल यह उठ खड़ा हुआ है कि जब पीडि़ता, उसकी मां और उसके भाई तीनों के बयान में पीडि़ता पिता के नाम ही अलग-अलग है तो आरोप कितना सत्य है। महिला ढूंढे नहीं मिल रही। मां भी गायब है। ऐसे में दारोगा जी और दलाल पुलिस जांच की जद में हैं।

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