एप्रोच पथ से जुड़ा आथर पुल, कालीकरण का इंतजार
प्रतिवर्ष बाढ़ के दौरान आवागमन की समस्या झेल रहे आथर गाव के ग्रामीणों को इस बार नाव का सहारा नहीं लेना पड़ेगा।
मुजफ्फरपुर : प्रतिवर्ष बाढ़ के दौरान आवागमन की समस्या झेल रहे आथर गाव के ग्रामीणों को इस बार नाव का सहारा नहीं लेना पड़ेगा। साढ़े छह वर्ष इंतजार के बाद मुशहरी के आथर पुल का एप्रोच पथ अब चलने लायक हो सका है। हालांकि, अभी कालीकरण होना शेष है। बता दें कि प्रतिवर्ष बाढ़ के समय यहां के लोगों के आवागवन का मुख्य साधन नाव हीं था। उक्त अवधि में बूढ़ी गंडक पार उतारने के लिए नाविक मनमाना किराया लेते थे। इस वर्ष यहा के नागरिकों को नाव पर से निर्भरता समाप्त हो गई। एप्रोच पथ की बाधाओं को विभागीय स्तर पर ठीक कर लिया गया। भूमि स्वामी को राजी कर मिट्टी भराई पूर्ण हो गया है। तत्काल एप्रोच पथ से होकर दोपहिया-चारपहिया वाहनों का आना-जाना आसान हो गया है। पथ के कालीकरण के बाद भारी वाहनों का आवागमन सुलभ हो सकेगा। बता दें कि इस पुल के पूरी तरह चालू होने के बाद दरभंगा एयरपोर्ट जाने में 20 किमी की दूर कम हो जाएगी। यहां जाने में जाम की भी समस्या नहीं होगी। इस पुल से बोचहा, कटरा, बंदरा प्रखंडों के दर्जनों गाव सीधे जुड़ गए हैं। अब यहा के लोगों को मुजफ्फरपुर जाना आसान हो गया। वहीं, पटना जाने की भी दूरी कम हो गई। वहीं, मुजफ्फरपुर शहर जाने की बाध्यता समाप्त हो जाएगी। ग्रामीणों ने बताया कि एप्रोच पथ का कालीकरण अबतक शुरू नहीं हो सका है। बरसात से पहले यानी 15 जून तक कार्य पूर्ण नहीं कराया गया तो बाढ़ आने के बाद कार्य में बाधा आ सकती है। इस संबंध में पुल निर्माण निगम के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि कार्य एजेंसी को हर हाल में बाढ़ से पूर्व कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया गया है।