बोले डीईओ, नवंबर महीने से सरकारी विद्यालयों में कक्षा शुरू होने की उम्मीद
कहा सभी उच्च विद्यालयों में नौवीं कक्षा से स्मार्ट क्लास का संचालन होगा। इसके लिए प्रत्येक विद्यालय को 90 हजार रुपये दिए गए हैं।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। नवंबर महीने से सरकारी विद्यालयों में कक्षा शुरू होने की उम्मीद है। 20 जुलाई तक जिले के सभी उच्च विद्यालयों में भवन निर्माण का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। सभी उच्च विद्यालयों में नौवीं कक्षा से स्मार्ट क्लास का संचालन होगा। इसके लिए प्रत्येक विद्यालय को 90 हजार रुपये दिए गए हैं। उक्त राशि से टीवी, इंवर्टर, बैठरी आदि उपस्कर की खरीदारी करनी है। इस बाबत शनिवार को जिला शिक्षा पदाधिकारी अब्दुस सलाम अंसारी के कार्यालय में बैठक हुई। इसमें सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रोग्राम अफसर, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी शामिल हुए।
180 पंचायतों में नौवीं कक्षा चलाने के लिए भवन निर्माण हो रहा
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के आदेश पर उच्च विद्यालयों में सभी तरह की सुविधाएं प्रदान करने का आदेश दिया गया है। डीईओ ने कहा कि जिले के 180 पंचायतों में नौवीं कक्षा चलाने के लिए भवन निर्माण का कार्य चल रहा है। 28 पंचायत बच गए हैं। 20 जुलाई तक कार्य पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने, स्मार्ट क्लास, हैंड वाश स्टेशन, शौचालय आदि बनाने का आदेश दिया गया है। सरकार की ओर से सभी विद्यालयों को राशि दी गई है। प्रत्येक दिन के कार्य की मॉनीट¨रग की जा रही है। कोताही बरतने वालों पर कार्रवाई होगी।
सरकार पर निजी स्कूलों की फीस बढ़वाने का लगाया आरोप
प्राइवेट स्कूलों की बिगड़ती माली हालत को लेकर निजी स्कूल संचालकों की जगह-जगह बैठकें हो रही हैं। शनिवार को पटना में तिरहुत एसोसिएशन ऑफ अनएडेड स्कूल्स संगठन के बैनर तले बैठक का आयोजन किया गया। सचिव व इंद्रप्रस्थ इंटरनेशनल स्कूल के निदेशक सुमन कुमार ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्राइवेट स्कूलों की फीस सरकार बढ़वा रही और दोष संचालकों पर दिया जा रहा। इसका नतीजा बच्चे के स्वजन फीस मांगने पर लूटने की बात कह रहे हैं। उन्होंने फीस मामले पर सरकार को नीति साफ करने की मांग की। उन्होंने कहा कि इसके कारण बच्चों के स्वजन में भ्रम की स्थिति बनी हुई है। सरकार सरकारी स्कूलों पर लाखों रुपये जनता के पैसे खर्च कर रही। बावजूद परिणाम शून्य है। गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई नहीं होगी तो ऐसे अरबों रुपये खर्च करने से क्या फायदा। मजबूरीवश लोगों को अपने बच्चों के भविष्य को बनाने के लिए प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाना पड़ रहा है और इधर सरकार के नुमाइंदे प्राइवेट स्कूल संचालकों को तरह-तरह के प्रताड़ना दे रहे हैं। मौके पर पटना इशान इंटरनेशनल स्कूल के संचालक डॉ. अरविंद कुमार सहित दर्जनों शिक्षक मौजूद थे।